Friday, March 14, 2025

Badrinath Dham के कपाट कल सुबह छह बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे

देहरादून।  केदारनाथ, गंगोत्री- यमुनोत्री के कपाट खुलने के बाद अब बदरीनाथ धाम Badrinath Dham के कपाट खुलेंगे। भगवान बदरीनाथ की डोली आज शनिवार को धाम पहुंच गई है। बदरीविशाल के जयकारों के बीच बड़ी संख्या में श्रद्धालु धाम पहुंचे हैं। 15 कुंतल फूलों से बदरीनाथ मंदिर को सजाया जा रहा है। कल रविवार सुबह छह बजे बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। सबसे पहले भगवान बदरी विशाल को यात्राकाल में लगाए जाने वाले तेल को पिराने(पीसने) की प्रक्रिया शुरू हुई। परंपरा है कि भगवान बदरी विशाल को प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में चार बजे स्नान कराया जाता है। स्नान के उपरांत तिलों के तेल से भगवान बदरी विशाल का लेपन (मालिश) की जाती है।

Badrinath Dham में तिल के तेल से होती है पूजा

तिलों के तेल को भगवान के अभिषेक के लिए शुद्ध माना जाता है। साथ ही इसे अखंड ज्योति में भी प्रयोग किया जाता है। इसलिए इस तेल को सिलबट्टे पर पीसा जाता है। जिससे इसमें कोई मिलावट न हो। परंपरा है कि यह तेल सुहागिन महिलाएं ही पिरोती हैं। यह तेल टिहरी राजदरबार की महारानी के साथ मिलकर पीसा जाता है। इसके बाद इसे एक कलश में रखा जाता है जिसे गाडू घड़ा कहते हैं।

सुहागिन महिलाओं ने तिल का तेल तैयार किया

महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह की मौजूदगी में शहर की कई सुहागिनों ने तेल निकाला। गणेश पूजन, मूसल पूजन, ओखल पूजन और अग्नि पूजन के बाद शहर की कई सुहागिनों और महारानी ने पीले वस्त्र धारण कर तिलों को कढ़ाई में भूना और ओखली और सिलबट्टा में पिसाकर तेल निकाला। गाडू घड़े को 12 मई को सुबह बदरीनाथ के कपाट खुलने के मौके पर गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।

गाडू घड़े को किया जाएगा स्थापित

गाड़ू घड़ा यात्रा उद्धव और कुबेर की डोली के साथ बदरीनाथ धाम पहुंच गई है। कल रविवार सुबह छह बजे बजे बदरीनाथ के कपाट खुलने के साथ ही गाडू घड़े को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। इसके बाद रोजाना भगवान बदरी विशाल को इस तेल का लेपन किया जाएगा।  चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह दिखाई दे रहा है। शुक्रवार को हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं के जयकारों के बीच तीनों धाम के कपाट विधि विधान के साथ खोले गए। पहले दिन करीब 45 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।

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