पटना : बिहार के वित्त मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा कि हाल ही में प्रकाशित आंकड़ों से केन्द्र सरकार के दावों की पोल खुल गई है.
भारत का व्यापार घाटा बढ़ा है
आंकड़ों के अनुसार 2022 में भारत का व्यापार घाटा 192 अरब डॉलर पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष 102 अरब डॉलर था. केंद्र सरकार द्वारा पिछले वर्षों में “मेक इन इंडिया” एवं “आत्मनिर्भर भारत” जैसे लोकलुभावन नारों और नीतियों का खूब प्रचार हुआ लेकिन पिछले वर्षों में लगातार बढ़ता व्यापार घाटा अलग कहानी बता रहा है. आंकड़ों की माने तो हमारे उद्योग एवं उत्पादन क्षेत्रों में सरकारी नीतियां सफल नहीं हो पा रही हैं.
1000अरब का द्विपक्षीय व्यापार घाटा
विजय कुमार चौधरी ने कहा कि आंकड़ों के मुताबिक चीन के साथ द्विपक्षीय व्यापार में हमारा घाटा वर्ष 2022 में पहली बार 1000 अरब पार कर गया, जो पिछले वर्ष 69 अरब डॉलर ही था. यह चिंता की बात है. उन्होंने कहा कि 2020 में चीन के द्वारा गलवान घाटी में अपनाये गये आक्रामक रुख के बाद केंद्र सरकार ने चीन से व्यापार में अनेक प्रतिबंधों की भी घोषणा कर रखी है. स्पष्ट है कि हम चीन जैसे अमित्र एवं प्रतिकूल देश के साथ भी व्यापार घाटा को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं. केंद्र सरकार द्वारा बहुप्रचारित “उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना” (पी.एल.आई.) भी फिसड्डी साबित हो रही है.
लुभावने नारों से नहीं चलेगा काम
वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि इस स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार को अब लुभावने नारे गढ़ना एवं जनमत को भ्रमित करना छोड़कर देश के वास्तविक आर्थिक विकास की नीतियां अपनानी चाहिए, तभी भला हो सकता है.