अभिषेक झा,ब्यूरो चीफ,पटना
बिहार में ‘सुशासन की बहार’ के दावे हैं, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री लगातार दावे कर रहे हैं कि स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की जा रही है. लेकिन हालत ये है कि बिहार में मरीज बेहाल हैं, क्योंकि स्वास्थ्य व्यवस्था खुद ICU में हांफ रही है. इन दिनों बिहार के अलग अलग हिस्सों से स्वास्थ्य विभाग के जो कारनामे सामने आ रहे हैं वो दिल को दहलाने वाले हैं.
अभी मुजफ्फरपुर में यूट्रस के ऑपरेशन के नाम पर किडनी निकालने की घटना ने पूरे स्वास्थ्य विभाग की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगा रखा है, वहीं अब और भयानक मामला सामने आया है जिसमें महिलाओं ने आरोप लगाया है कि सिविल अस्पताल में लापरवाही का आलम ये है कि मरीजों की सर्जरी जैसे प्रोसिजर बिना मरीज को बेहोश किये ही किया जा रहा है.
मामला खगड़िया के अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से समाने आया है .परिवार नियोजन के लिए ऑपरेशन कराने पहुंची महिलाओं का आरोप है कि यहां डाक्टरों ने उन्हें बिना बेहोश किये ही सर्जरी कर दी .महिलाओं का कहना है कि ऑपरेशन के समय दर्द से कराहती रही,उसके बावजूद डाक्टर ने बिना बेहोशी के सुई दिए ही ऑपरेशन कर दिया.
बिहार के खगड़िया में डॉक्टरों का कमाल, बिना बेहोश किये किया फैमिली प्लानिंग सर्जरी, महिलाओं के सनसनीखेज आरोप #BiharNews @yadavtejashwi @bihargov pic.twitter.com/GzA3Y8zZ5x
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) November 17, 2022
हंगामा शुरू होने के बाद खगड़िया के सिविल सर्जन अमरकांत झा ने भी माना है कि ये लापरवाही है.सर्जरी के पहले मरीजों को बेहोशी का इंजेक्शन देना चाहिए था.मामले की जांच होगी, यदि ऐसा नहीं किया गया है तो पूरे मामले की जांच करवा कर दोषी लोगों पर कार्रवाई की जायेगी.
बताते चलें कि दो दिन पहले खगड़िया के ही परबत्ता पीएचसी में बंध्याकरण कराने पहुंची महिला को बेहोशी की सुई देने के बाद जमीन पर ही सुला दिया गया था. बार बार मरीजों के साथ हो रही लापरवाही से खगड़िया के स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लग गया है.