Syria Civil War: शनिवार को भारत ने सीरिया में मौजूद अपने लगभग 90 नागरिकों से देश छोड़ने का आग्रह किया तथा अन्य को सलाह दी कि वे हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) समूह के नेतृत्व वाले आतंकवादियों की बड़ी सफलता के बाद पश्चिम एशियाई देश की यात्रा न करें.
Syria Civil War: शुक्रवार आधी रात के बाद जारी की एडवाइजरी
विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से कहा कि वे ‘जल्द से जल्द उपलब्ध वाणिज्यिक उड़ानों से वापस चले जाएं.’ मंत्रालय ने आधी रात के बाद जारी एक एडवाइजरी में कहा कि जो लोग वापस नहीं जा सकते, उन्हें ‘अपनी सुरक्षा के बारे में पूरी सावधानी बरतनी चाहिए और अपनी आवाजाही को न्यूनतम रखना चाहिए.’
भारत सरकार ने सीरिया नहीं जाने की दी गई सलाह
एडवाइजरी में कहा गया है, “सीरिया में मौजूदा स्थिति को देखते हुए, भारतीय नागरिकों को अगली अधिसूचना तक सीरिया की यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है.” सीरिया में मौजूद भारतीय नागरिकों को अपडेट के लिए आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर +963 993385973 (व्हाट्सएप पर भी) और ईमेल आईडी hoc.damascus@mea.gov.in के माध्यम से दमिश्क में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहना चाहिए. सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के प्रमुख सहयोगी रूस ने भी अपने नागरिकों को देश छोड़ने का निर्देश दिया है.
सीरिया- अल-असद ने दारारा पर नियंत्रण खो दिया
सीरियाई विद्रोहियों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ 2011 के विद्रोह की जन्मस्थली दारा पर कब्ज़ा कर लिया है, जो देश के लंबे समय से चले आ रहे गृहयुद्ध में एक नाटकीय मोड़ है. शनिवार, 7 दिसंबर को दारा का पतन, सिर्फ़ एक हफ़्ते में सरकार के नियंत्रण से बाहर होने वाला चौथा प्रमुख शहर है.
शुक्रवार को, उग्रवादियों ने सीरिया के तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स के नज़दीकी कस्बों में प्रवेश किया और दमिश्क की ओर जाने वाले एक प्रमुख राजमार्ग पर आगे बढ़ रहे थे. एक दिन पहले, उग्रवादियों ने होम्स की ओर आगे बढ़ने से पहले होमा शहर पर कब्ज़ा कर लिया था.
पिछले महीने के आखिर में, सीरिया के सरकारी बलों द्वारा तेजी से पीछे हटने के बीच, आतंकवादियों ने सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेप्पो पर कब्ज़ा कर लिया. यह पहली बार है जब 2011 में विद्रोह के बाद से अलेप्पो और होम्स असद विरोधी बलों के नियंत्रण में हैं.
कभी बड़ी संख्या में भारतीय सीरिया में रहते थे
सीरिया में कभी भारतीय समुदाय की एक बड़ी आबादी रहती थी, लेकिन भारतीय दूतावास की वेबसाइट के अनुसार, लंबे समय से चल रहे गृहयुद्ध के कारण इसकी संख्या घटकर 92 रह गई है. इसमें विभिन्न संयुक्त राष्ट्र संगठनों और गैर सरकारी संगठनों के लिए काम करने वाले 14 नागरिक शामिल हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि भारत उत्तरी सीरिया में हाल ही में बढ़ी लड़ाई के बाद की स्थिति पर करीब से नज़र रख रहा है. उन्होंने कहा, “हमारा दूतावास भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए उनके साथ नियमित संपर्क में है.”
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