नई दिल्ली: माफिया डान और उम्र कैद का सजायाफ्ता मुख्तार अंसारी को सुपुर्द एक खाक़ कर दिया गया है. वहीं मुख्तार अंसारी की मौत को पूरी तरह से राजनीतिक रंग देने में कोई भी पार्टी पीछे नहीं है. जाहिर है मुख्तार अंसारी का पूर्वांचल में एक खास वोट बैंक हैं, जिसपर सभी की नजर है.लगातार मुख्तार अंसारी की मौत को साजिश करार देते हुए अलग अलग पार्टियों के बयान सामने आ रहे हैं. मुख्तार की मौत पर सबसे पहले शोक जताने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बाद सपा छोड़ चुके पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य Swami Prasad Maurya ने मोर्चा थामा है .स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया नेटवर्क X पर लिखा है कि वो कल गाजीपुर जाकर मुख्तार अंसारी की मौत पर परिजनों से मिलेंगे और शोक व्यक्त करेंगे
Swami Prasad Maurya कल जायेंगे गाजीपुर
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि वो कल दोपहर 12 बजे गाजीपुर के यूसुफपुर फाटक पहुंचेंगे और परिजनों से मुलाकात कर अपनी शोक संवेदना व्यक्त करेंगे. गाजीपुर के यूसुफपुर में इस समय मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर लोगों के मन में बहुत सारे सवाल हैं.हलांकि मेडिकल रिपोर्ट में मुख्तार की मौत की वजह हार्ट अटैक ही बताया गया है.
मौर्य ने मुख्तार की मौत को बताया साजिश
स्वामी प्रसाद मौर्य ने मुख्तार अंसारी के मौत के बाद इसे हत्या की साजिश करार दिया था और पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की थी. मौर्य ने मुख्तार अंसारी की अस्पताल में मौत के बाद सोशल मीडिया नेटवर्क एक्स (X) पर लिखा, ये स्वाभाविक मौत नहीं, हत्या की साजिश है.
यह स्वाभाविक मौत नहीं हत्या की शाजिस प्रतीत होती है, पहले डाक्टरो की पैनल ने अस्पताल से डिस्चार्ज किया और कुछ घंटो बाद ही उनकी मौत, पारिवारिजनों द्वारा लगाए गये हत्या की साजिश की पुष्टि करती है।
अतः पूरे घटना क्रम की जांच मा. उच्च न्यायालय की देखरेख में होना चाहिए यहाँ तक कि…— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) March 29, 2024
स्वामी प्रसाद मौर्य ने परिवार के आरोपों का हवाला देते हुए कहा कि जिस तरह से डॉक्टरों के पैनल ने पहले डिस्चार्ज किया और फिर कुछ ही घंटों में मौत हो गई , इससे परिवार द्वारा लागाये गये आरोपों की पुष्टि होती है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने लिखा कि मुख्तार अंसारी की मौत की जांच उच्च न्यायलय के किसी जज के द्वारा किया जाना चाहिये ताकि साजिश करने वालों के चेहरे बेनकाब हो सकें और जेलों , थानों और पुलिस की कस्डटी में होने वाली साजिशों के फैशन पर विराम लग सके.
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दरअसल लोकसभा चुनावों के मद्देनजर इस समय मुसलमानों की राजनीति करने वाली पार्टियो के लिए मुख्तार अंसारी की मौत एक मौका बन कर सामने आया है. मुस्लिम वोट की राजनीति करने वाली समाजवादी पार्टी हो या उसे छोड़कर अपनी पार्टी बनाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य, लगातार एक खास तरह की राजनीति करते नजर आये हैं.