रामचरितमानस को लेकर खड़े हुए विवाद को एसपी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ठंडा नहीं पड़ने देना चाहते हैं. बुधवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्विटर पर एक ट्वीट कर आरोप लगाया कि कुछ लोग धर्म की आड़ में मुद्दे को भड़काने की कोशिश कर रहे है. मौर्या ने लिखा कि “मानस की आपत्तिजनक कुछ चौपाइयों को संशोधित व प्रतिबंधित करने की मांग को, कुछ लोग श्रीराम, हिंदू धर्म और रामचरितमानस से जोड़कर मामले को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे ही लोग महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों के 97% आबादी के सम्मान के विरोधी हैं.”
मानस की आपत्तिजनक कुछ चौपाइयों को संशोधित व प्रतिबंधित करने की मांग को, कुछ लोग श्रीराम, हिंदू धर्म और रामचरितमानस से जोड़कर मामले को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे ही लोग महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों के 97% आबादी के सम्मान के विरोधी हैं।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 8, 2023
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को लिखा मौर्या ने पत्र
स्वामी प्रसाद मौर्या ने रामायण से महिलाओं और छोटी जातियों का अपमान करने वाली चौपाइयों को हटाने के लिए प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को एक पत्र भी लिखा है. मौर्या ने अपना ये पत्र भी ट्विटर पर शेयर किया है. इससे पहले एक और ट्वीट में मौर्या ने लिखा “मा. प्रधानमंत्री जी आप चुनाव के समय इन्हीं महिलाओं, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ो को हिंदू कहते हैं. आरएसएस प्रमुख, भागवत जी कहते हैं कि जाति पंडितों ने बनाई. तो आखिर इन्हें नीच, अधम, प्रताड़ित, अपमानित करने वाली रामचरित्र मानस की आपत्तिजनक टिप्पड़ीयों को हटाने हेतु पहल क्यों नहीं.”
रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों के आपत्तिजनक अंश जिसमें समस्त महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को सामाजिक, धार्मिक स्तर पर नित्यप्रति अपमानित होना पड़ता है, को संशोधित/प्रतिबंधित करने एवं पीड़ित वर्ग को सम्मान दिलाने हेतु पत्र मा. राष्ट्रपति जी व मा. प्रधानमंत्री जी को प्रेषित। pic.twitter.com/rLmuoFKgRs
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 8, 2023
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर भी साधा निशाना
स्वामी प्रसाद मौर्या ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर उन्होंने पंडितों को लेकर दिया बयान किसी मजबूरी में नहीं दिया है तो साहस दिखाते हुए रामचरितमानस से अपमानित करने वाली टिप्पणियों को हटवायें.
“जाति-व्यवस्था पंडितो (ब्राह्मणों) ने बनाई है, यह कहकर RSS प्रमुख श्री भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों व ढोंगियों की कलई खोल दी, कम से कम अब तो रामचरित्र मानस से आपत्तिजनक टिप्पड़ी हटाने के लिये आगे आयें।“
“यदि यह बयान मजबूरी का नहीं है तो साहस दिखाते हुए केंद्र सरकार को कहकर, रामचरितमानस से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच, अधम कहने तथा महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को प्रताड़ित, अपमानित करने वाली टिप्पणियों को हटवायें। मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बनने वाली नही है।“
जाति-व्यवस्था पंडितो (ब्राह्मणों) ने बनाई है, यह कहकर RSS प्रमुख श्री भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों व ढोंगियों की कलई खोल दी, कम से कम अब तो रामचरित्र मानस से आपत्तिजनक टिप्पड़ी हटाने के लिये आगे आयें।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 5, 2023