Swami Avimukteshwaranand Saraswati: केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना गायब, कौन देगा जवाब, ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मोदी सरकार पर ये गंभीर आरोप लगाया है. शंकराचार्य पहले ही अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मोदी सरकार से नाराज़ चल रहे है. अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का विरोध करने वाले ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अब मोदी सरकार के साथ-साथ उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार पर भी निशाना साधा है.
पहले Kedarnath Dham से सोना गायब, और अब दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाया जा रहा है।
धर्म के ठेकेदार अब पवित्र मंदिरों की फ्रेंचाइजी खोल रहे है। क्या ये शर्मनाक नही? pic.twitter.com/MWG2QF2KPA
— Srinivas BV (@srinivasiyc) July 15, 2024
दिल्ली के बुराड़ी में मंदिर बनाने को लेकर शुरु हुआ विवाद
10 जुलाई को दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ मंदिर के प्रतीकात्मक मंदिर का भूमि पूजन हुआ था. इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए थे. केदारनाथ धाम ट्रस्ट के इस कार्यक्रम में सीएम के अलावा केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राज्यमंत्री अजय टम्टा, महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी जी महाराज, स्वामी राजेंद्रानंद, गोपाल मणि महाराज, अल्मोड़ा सल्ट से विधायक महेश जीना, रानीखेत के विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल, विधायक संदीप झा, केदारनाथ धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला भी मौजूद थे. इस कार्यक्रम के फौरन बाद उत्तराखंड में इसके खिलाफ आंदोलन शुरु हो गया. एक तरफ केदारघाटी में जगह-जगह तीर्थ पुरोहित समाज के साथ स्थानीय लोग मंदिर निर्माण का विरोध कर रहे हैं. वहीं केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहित समाज, व्यापारी और साधु संत केदारपुरी से लेकर दिल्ली कर प्रदर्शन कर धामी सरकार और मंदिर ट्रस्ट के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं.
सीएम धामी ने दी केदारनाथ मंदिर बनाने को लेकर सफाई
हलांकि सोशल मीडिया पर प्रदर्शन की तस्वीरें वायरल होने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि बाबा केदार का धाम दुनिया में और कहीं नहीं बन सकता. उन्होंने बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बाबा केदार के किसी भी नाम से कोई भी मंदिर बन जाए तो उस से धाम की महिमा पर कोई असर नहीं पड़ सकता. फिर भी यह आस्था से जुड़ा मामला है, इसलिए बद्री केदार मंदिर समिति को संबंधित लोगों से वार्ता कर स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है.
Swami Avimukteshwaranand Saraswati ने लगाया सनसनी खेज़ आरोप
हलांकि अब मामला सिर्फ प्रतीकात्मक मंदिर का नहीं रह गया है. 13 जुलाई को मुंबई में अंबानी की शादी में प्रधानमंत्री मोदी को आशीर्वाद देने वाले शंक्राचार्य ने ये कहकर सनसनी पैदा कर दी है कि “केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब कर दिया गया है. आज तक उस पर कोई जांच नहीं बैठाई गई है. इसके लिए कौन जिम्मेदार है. अब यह कहा जा रहा है कि दिल्ली में केदारनाथ बनाएंगे, ऐसा नहीं हो सकता है.”
ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद इस बात को लेकर मीडिया पर भी भड़के. उन्होंने कहा, “केदारनाथ में सोने का घोटाला हुआ है, उस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया जाता है?” उन्होंने पूछा, “वहां घोटाला करने के बाद अब दिल्ली में केदारनाथ का निर्माण कराया जाएगा. फिर एक घोटाला होगा.”
नरेंद्र मोदी हमारे दुश्मन थोड़े हैं- शंकराचार्य
शंकराचार्य यहीं नहीं रुकें पीएम मोदी को आशीर्वाद देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, “वो मेरे पास आए और प्रणाण किया. हमारा जो नियम है हमने उन्हें आशीर्वाद दिया. नरेंद्र मोदी हमारे दुश्मन थोड़े हैं. हम उनके हितैषी हैं, हमेशा उनका हित चाहते हैं. जब उनसे कोई गलती होती है हम उसको लेकर बोलते हैं.”
यानी अयोध्या के बाद अब बद्रीनाथ पर भी नाराज़ शंकराचार्य और संत समाज और सरकार में ठन गई है. देखना ये है कि क्या इस बार सरकार संत समाज को मनाने पर जोर देगी या उन्हें कांग्रेसी बता छोड़ देगी.