दिल्ली : भारत में कठिन से कठिन और आमतौर पर मर्दों के लिए आरक्षित माने जाने वाले क्षेत्रों में भी महिलाएं अपने पैर जमा कर अपने कौशल का झंडा गाड़ रही है.ऐसा ही एक कमाल मुंबई से पुणे के बीच सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदेभारत में रचा गया.
सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदेभारत को पहली बार एक महिला लोको पायलट सुरेखा यादव (Surekha Yadav) ने देश की सबसे खड़ी (STEEPEST) और कठिन चढाई वाले रेलवे ट्रैक पर ट्रेन चलाकर इतिहास रच दिया है.सुरेखा यादव ने भोर घाटी से होते हुए मुंबई से पुणे के बीच सेमी हाईस्पीड ट्रेन का परिचालन किया. इस उपलब्धि के साथ ही सुरेखा यादव ना केवल भारत बल्कि एशिया की पहली लोको पायलट बन गई हैं. रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए सोशल मीडिया पर ट्टीट किया है .
Salute to #Narishakti!
Smt. Surekha Yadav, Loco Pilot cruising the first female driven Vande Bharat train from CSMT, Mumbai to Solapur through the steepest Bhor Ghat between Mumbai & Pune in Maharashtra. pic.twitter.com/WWKiUIXYrx
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) March 15, 2023
रेल मंत्रालय ने #नारीशक्ति को प्रणाम टैग लाइन के साथ सोशल मीडिया पर ट्टीट किया है . रेलवे ने नारी शक्ति को प्रणाम टैगलाइन के साथ लिखा है- लोको पायलट श्रीमती सुरेखा यादव (Surekha Yadav) ने महाराष्ट्र में मुंबई और पुणे के बीच सबसे खड़ी (STEEPEST) भोर घाट के बीच से होते हुए सीएसएमटी, मुंबई से सोलापुर तक पहली महिला चालित वंदे भारत ट्रेन का संचालन किया.
कौन है भारत की पहली लोको पायलट सुरेखा यादव (Surekha Yadav) ?
सुरेखा यादव महाराष्ट्र के सतारा जिले की रहने वाली हैं . ये पहली बार 1988 में ट्रेन ड्राइवर बनी. सुरेखा यादव अपने बेहतरीन काम के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित की जा चुकी हैं. ममता बैनर्जी के कार्यकाल में सुरेखा यादव को कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिली. ममता बैनर्जी के कार्यकाल में पहली बार चार महानगरों में लेडीज स्पेशल की शुरुआज की गई थी,. इन लेजीड स्पेशल ट्रेन को चलान के लिए जिन महिला लोको पायलटों को चुना गया था , सुरेखा यादव उनमें से एक थी. सुरेखा यादव इससे पहले डेक्कन क्वीन नाम की ट्रेन पुणे से सीएसटी मुंबई तक लेकर जा चुकी हैं.