Wednesday, January 22, 2025

Lakhimpur Kheri case: सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा द्वारा गवाहों को ‘प्रभावित’ करने पर यूपी पुलिस से रिपोर्ट मांगी

Lakhimpur Kheri case: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के मामले में सुनवाई करते हुए यूपी पुलिस ने रिपोर्ट मांगी. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस से उन आरोपों पर रिपोर्ट मांगी है, जिनमें आरोप लगाया गया है कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गवाहों को प्रभावित कर रहे थे.

पीड़ितों के वकील ने की जमानत रद्द करने की मांग

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक को तथ्यान्वेषण जांच के बाद अदालत में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. हालांकि मिश्रा ने अपने हलफनामे में आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि जब भी मामला अदालत के समक्ष सूचीबद्ध होता है, तो शीर्ष अदालत द्वारा दी गई उनकी जमानत को रद्द करने के लिए इस तरह के दावे किए जाते हैं. शिकायतकर्ताओं की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दावा किया कि उनके पास मामले में महत्वपूर्ण गवाहों को प्रभावित करने के प्रयास की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मिश्रा ने जमानत शर्तों का उल्लंघन करते हुए एक सार्वजनिक बैठक में भाग लिया. मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग करते हुए भूषण ने कहा कि अदालत उसके समक्ष लाई गई सामग्री की प्रामाणिकता का पता लगा सकती है.

आशीष मिश्रा ने आरोपों से किया इनकार

मिश्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने भूषण की दलील का विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को अनावश्यक रूप से निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि उक्त सार्वजनिक बैठक के दिन उनके मुवक्किल दिल्ली में लोकसभा सचिवालय में थे.
पीठ ने भूषण और दवे से कहा कि वे अपनी सामग्री उत्तर प्रदेश सरकार की स्थायी वकील रुचिरा गोयल को सौंप दें, ताकि उसे लखीमपुर खीरी एसपी को सौंप दिया जा सके. इसने मामले को चार सप्ताह बाद आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 22 जुलाई को मिश्रा को जमानत दे दी थी और उनके दिल्ली या लखनऊ आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था.

क्या है Lakhimpur Kheri case

3 अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी.
चार किसानों को एक स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन ने कुचल दिया. इसके बाद गुस्साए किसानों ने कथित तौर पर एक ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी. हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी.

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