Supreme Court : दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कुछ सवाल पूछे है, जिनके जवाब ईडी को इस मामले में होने वाली अगली सुनवाई यानी 3 मई को देने के लिए कहा गया है.सुप्रीमकोर्ट में मंगलवार को दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने ईडी से लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग को लेकर सवाल किया और जवाब भी मांगा है. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि जीवन और स्वतंत्रता बेहद अहम हैं. आप इससे इनकार नहीं कर सकते.
Supreme Court की टिप्पणी पर AAP – ‘ये बीजेपी की साजिश है’
सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी पर आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग पर केवल सुप्रीम कोर्ट ही नहीं बल्कि पूरा देश सवाल उठा रहा है. भारत के इतिहास में पहली बार चुनाव से चंद दिन पहले ही एक प्रमुख विपक्षी नेता को गिरफ्तार कर लिया गया, जिससे वो देश के आम चुनाव लोकसभा चुनाव में में प्रचार न कर पाएं. आतिशी ने कहा कि पूरा देश जानता है कि ये बीजेपी की साजिश है और आम आदमी पार्टी इसका जवाब वोटों से देगी.
मंगलवार को सुप्रीमकोर्ट में हुई अरविंद केजरीवाल गिरफ्तारी मामले पर सुनवाई
दऱअसल सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सुनवाई कर रही थी. सुनवाई के दौरान अदालत ने ईडी से दिल्ली शराब नीति के बारे में बार-बार शिकायत दर्ज होने और कार्रवाई के बीच होने वाले समय के अंतर के बारे में बताने के लिए कहा. सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तार के संबंध में ED से 6 सवाल पूछे हैं जिनसका जवाब उन्हें शुक्रवार तक देना है.
आइये आपको बताते है कि सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कौन कौन से 6 सवाल पूछे हैं …मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस संजीव खन्ना ने ईडी से पहला ही सवाल पूछा है कि आम चुनावों से पहले ही अरविंद गिरफ्तारी की गिरफ्तारी क्यों की गई है ?
दूसरा सवाल – क्या न्यायिक कार्यवाही के बिना यहां जो कुछ हुआ है उसके संदर्भ में आपराधिक कार्यवाही शुरू कर सकते हैं?
तीसरा सवाल – दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब तक कुर्की की कोई कार्यवाही नहीं हुई है. यदि हुई है तो बतायें कि इस मामले में केजरीवाल कैसे शामिल हैं?
चौथा सवाल –मनीष सिसोदिया के मामले में पक्ष और विपक्ष में कुछ निष्कर्ष हैं. हमें बताएं कि केजरीवाल मामला कहां है? उनका मानना है कि धारा 19 की सीमा आरोप लगाने वाले यानी अभियोजन पक्ष पर जिम्मेदारी डालती है, न कि आरोपी पर. इस प्रकार नियमित जमानत की मांग नहीं होती, क्योंकि वे धारा 45 का सामना कर रहे हैं. जिम्मेदारी उन पर आ गई है.
पांचवा सवाल –सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से पूछा कि वो ये बतायें कि हम सीमा की व्याख्या कैसे करें? क्या हम सीमा को बहुत ऊंचा बनाएं और ये तय करें कि जो व्यक्ति दोषी है, उसका पता लगाने के लिए पैरामीटर समान हों
छठा सवाल – मामले में कार्यवाही शुरू होने और फिर गिरफ्तारी की कार्रवाई के बीच इतने समय का अंतर क्यों हैं ?
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से इन छ सवालों के जवाह अगली सुनवई पर देने के लिए कहा है .इस मामले में अभ अगली सुनवाई 3 मई यानी इसी शुक्रवार होगी.