जजों की नियुक्ति को लेकर सरकार और सुप्रीम कोर्ट फिर आमने-सामने है. खबर है कि सरकार ने कोलेजियम की सिफारिश वाले 21 में से 19 नाम वापस कर दिए है. इस खबर के बाद सूत्रों का कहना है कि अब सुप्रीम कोर्ट भी इनमें से कुछ नामों पर अड़ गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की तरफ से सरकार को 21 जजों के नामों की लिस्ट सौंपी गई थी, जिसमें से सरकार ने 19 नाम वापस कर दिए. ये सिफारिश हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति को लेकर की गई थी.
वापस किए गए 19 में से 10 नाम दोहराये गए हैं.
सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच जिन नामों को लेकर विवाद हुआ है उन 19 में से 10 नाम ऐसे है जिन्हें कोलेजियम की तरफ से दोहराया गया है, जबकि बाकी के 9 नाम की सिफारिश पहले से ही लंबित हैं.
सरकार ने फैसला नहीं लिया तो देना पड़ेगा न्यायिक आदेश-कोर्ट
आपको बता दें 28 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति मामले में सुनवाई हुई थी. तब सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम की तरफ से भेजे गए नामों पर सरकार के फैसला नहीं लेने पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि अगर सरकार ने फैसला नहीं लिया तो उसे न्यायिक आदेश देना पड़ सकता है. तब कोर्ट की नाराज़गी को देखते हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी ने कोर्ट को भरोसा दिलाया की वो जल्द लंबित फाइलों पर सरकार से बात कर जवाब देंगे.
आपको बता दें इससे पहले केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि, “कोर्ट ये नहीं कह सकता की कॉलेजियम के भेजे हर नाम को सरकार तुरंत मंजूरी दे दे. अगर ऐसा है तो उन्हें खुद ही नियुक्ति कर लेनी चाहिए.” इस मामले पर अब अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी.
किन दो नामों को किया गया स्वीकार
सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश वाले 21 में से जिन दो नामों को स्वीकार किया है वो हैं एडवोकेट संतोष गोविंद और मिलिंद मनोहर. इन दोनों को बॉम्बे हाईकोर्ट में बतौर जज नियुक्ति किया गया है.