Hindenburg Research : हिंडनबर्ग रिसर्च की ताज़ा रिपोर्ट के बाद एक बार फिर से भारत के शेयर मार्किट में खलबली मच गई है . हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी पर अडानी समूह की कंपनियो के साथ साठगांठ का आरोप लगाया है. दो दिन पहले जारी किये गये रिपोर्ट का असर आज सोमवार को शेयर बाजार पर देखने के लिए मिला. सोमवार को सेनसेक्स (SENSEX) और निफ्टी (Nifty) गिरावट के साथ ही खुले.अडानी ग्रपु के शेयरों पर बिकवाली का भारी दबाव देखा गया. सबसे अधिक गिरावट अडानी पावर और अडानी टोटल गैस में देखा गया. कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (Consumer Durables) को छोड़ कर निफ्टी में सभी सेक्टर में सूचकांक लाल पर है. डिकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी बिकवाली का भारी दबाव दिखा.
Hindenburg Research रिपोर्ट के बाद कंपनियों का मार्केट कैप 2.26 लाख करोड़ कम हुआ
कुल मिला कर देखा जाये तो बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 2.26 लाख करोड़ कम हुआ है,यानी निवेशकों को उनकी गाढ़ी कमाई में से 2.26 लाख करोड़ को घाटा हुआ है. पिछले कारोबारी दिन यानी शनिवार 9 अगस्त को बीएसई में लिस्टेड कंपनियो के शेयर का कुल मार्केट कैप 4,50,21,816.11 लाख करोड़ था. वहीं सोमवार को मार्केट खुलते ही ये आंकड़ा 4.47.95.24.900 पर आ गया .निवेशकों की पूंजी 2.26 567.11 लाख करोड़ कम हो गई.
सेंसेक्स में केवल 6 शेयर ग्रीन जोन में
शेयर बाजार में सेसेक्स में 30 कंपनिया लिस्टेड हैं जिनमे केवल 6 कंपनियां ही हैं जो ग्री जोन में हैं. इनमें सबसे अधिक तेजी सन फर्मा, एचडीएफसी बैंक और इंफोसिस में देखने के लिए मिली. वहीं दूसरी तरफ आडनी पोर्टस, अडानी पावरग्रीड और एसबीआई में गिरावट देखने के लिए मिली है.
बीएसई में शेयर साल के सबसे ‘अधिक’ स्तर पर
बीएसई यानी बांबे स्टॉक एक्सचेंज में आज 2942 शेयरों में ट्रेडिंग हो रही है. इसमें 206 शेयर ऐसे है जिनमे कोई बदलाव नहीं दिखाई दिया है, यानी वो स्थिर बने हुए हैं, वहीं 104 शेयर ऐसे हैं जो साल के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंचे और 15 शेयर साल के सबसे निचले स्तर पर भी पहुंचे हैं.आज 115 शेयर आपर सर्किट पर पहुंच गये वहीं 80 शेयर लोअर सर्किट में पहुंच गये.