Wednesday, April 16, 2025

ग्वालियर में बनी स्प्रिंग वंदे भारत एक्सप्रेस को ट्रैक पर दौड़ाएगी

ग्वालियर: हाई स्पीड ट्रेनों शताब्दी, राजधानी और गतिमान के बाद अब वंदे भारत एक्सप्रेस की स्प्रिंग भी सिथौली स्थित रेल स्प्रिंग फैक्ट्री में बनेगी। इसके लिए इलाहाबाद मुख्यालय से मंजूरी मिलने के बाद रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेज दिया गया है। उम्मीद है कि इस साल वंदे भारत ट्रेन के कोच भी ग्वालियर में बने स्प्रिंग की मदद से पटरियों पर दौड़ने लगेंगे। देशभर में चलने वाली ट्रेनों के लिए स्प्रिंग बनाने वाली सिर्फ दो फैक्ट्रियां हैं, इनमें से एक ग्वालियर के सिथौली में और दूसरी चेन्नई स्थित आईसीएफ है। सिथौली स्थित रेल स्प्रिंग फैक्ट्री में सालों से आईसीएफ (इंटीग्रल) और एलएचबी (लिंक-हॉफमैन ब्रश) कोच की स्प्रिंग बनती आ रही है। भारतीय रेलवे लगातार स्प्रिंग की मांग बढ़ा रहा है, जिसके चलते इस साल फैक्ट्री का लक्ष्य भी पहली बार एक लाख स्प्रिंग से ऊपर चला गया है। हर साल बढ़ रही है स्प्रिंग की मांग

रेल स्प्रिंग कारखाना, सिथौली की शुरुआत 1989 में हुई थी। इसके बाद 1990 में स्प्रिंग बनने लगे। यहां मांग के हिसाब से स्प्रिंग बनते हैं और हर साल इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। इस साल पहली बार लक्ष्य एक लाख को पार कर गया है। कारखाने में ज्यादातर स्प्रिंग एलएचबी कोच के लिए बनते हैं।

स्प्रिंग की संख्या बढ़ने पर तीन शिफ्ट में शुरू हुआ काम

45 और लोगों को मिला रोजगार 35 साल में पहली बार स्प्रिंग की संख्या बढ़ने पर दो की जगह तीन शिफ्ट में काम शुरू हुआ। कारखाने में 275 लोगों का स्टाफ है। तीसरी शिफ्ट शुरू होने से करीब 45 और लोगों को रोजगार मिला है। यहां एक दिन में 450 से 500 स्प्रिंग बन रहे हैं। जल्द ही हर दिन 600 स्प्रिंग बनाने की योजना बनाई जा रही है।

तीन हजार स्प्रिंग से शुरू हुआ था कारखाना

सिथौली स्प्रिंग कारखाने में 1990 में स्प्रिंग बनाने की शुरुआत हुई थी। पहले साल तीन हजार स्प्रिंग बनाए गए। उसके बाद पांच हजार स्प्रिंग बनाए गए। मांग बढ़ने पर हर साल लक्ष्य बढ़ता गया और अब यह आंकड़ा एक लाख को पार कर गया है।

50 मशीनों पर बनते हैं स्प्रिंग

स्प्रिंग फैक्ट्री में करीब 50 मशीनें लगी हैं। मांग के हिसाब से एक बार में दो से तीन कर्मचारी इन मशीनों पर काम करते हैं। काम बढ़ने पर कर्मचारी आपस में बांट लेते हैं। भविष्य में और भी मशीनें आने की संभावना है, जिससे काम और बढ़ेगा।

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