स्मृति मंधाना और पलाश मुच्छल की शादी को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है. सभी अपने-अपने कयास लगा रहे हैं. इसी बीच पलाश की मां, अमिता मुच्छल ने दोनों की शादी को लेकर बयान दिया है. स्मृति मंधाना और पलाश मुच्छल की शादी को लेकर फैन्स अब भी कयास लगा रहे हैं. जिस दिन दोनों की शादी होनी थी, उसी दिन अचानक स्मृति के पापा की तबीयत बिगड़ गई. उन्हें दिल में दर्द होने के बाद तुरंत अस्पताल ले जाया गया. शादी को मजबूरन अनिश्चितकाल के लिए टालना पड़ा. इसी तनाव में पलाश की तबीयत भी खराब हो गई और उन्हें भी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा.अब जबकि दोनों स्मृति के पिता और पलाश अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए हैं, फैंस उम्मीद कर रहे हैं कि शादी की नई तारीख जल्द सामने आएगी. इसी बीच पलाश की मां, अमिता मुच्छल, ने Hindustan Times से बात करते हुए दोनों की शादी को लेकर बयान दिया है.
पलाश की मां ने तोड़ी चुप्पी
पलाश की मां अमिता ने कहा, “स्मृति और पलाश दोनों बहुत तकलीफ में हैं. पलाश ने तो सपना देखा था कि वह अपनी दुल्हन को घर लाएगा. मैंने तो उनके लिए खास स्वागत भी प्लान किया था… सब ठीक होगा, शादी बहुत जल्दी होगी.” उनके इस बयान से साफ है कि शादी कैंसल नहीं हुई है, केवल कुछ समय के लिए टाल दी गई है. दोनों परिवारों की प्राथमिकता फिलहाल स्वास्थ्य है, लेकिन शादी की पूरी उम्मीद बरकरार है.
सोशल मीडिया पर हटाए गए पोस्ट ने बढ़ाई अफवाहें
शादी टलने के बाद स्मृति ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से शादी से जुड़ी लगभग सभी पोस्ट हटा दी थी. इस कदम ने सोशल मीडिया पर तरह-तरह की अटकलें तेज कर दी थी. हालांकि पलाश की मां के बयान से अब इसपर विराम लग गया है.
पलाश की तबीयत बिगड़ने ने बढ़ाई चिंता
शादी स्थगित होने के बाद पलाश का भी ब्लड प्रेशर बढ़ गया और उन्हें पहले सांगली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में उन्हें मुंबई शिफ्ट किया गया. अब उनकी हालत स्थिर है और डॉक्टरों ने उन्हें घर भेज दिया है.
जेमिमा रोड्रिग्ज भी पहुंचीं स्मृति के साथ
इस कठिन समय में स्मृति का सहारा बनने के लिए टीम इंडिया की स्टार क्रिकेटर जेमिमा रोड्रिग्ज ने WBBL से नाम वापस ले लिया है और भारत लौट आईं. इससे फैन्स के बीच यह चर्चा और बढ़ गई कि मामला सिर्फ “तबीयत बिगड़ने” तक सीमित नहीं है. फिलहाल दोनों परिवारों की ओर से यही कहा जा रहा है कि शादी बस रुकी है, टूटी नहीं और सब कुछ सामान्य होते ही नई तारीख बता दी जाएगी.

