Sonepur Mela: बिहार की राजधानी पटना से सटे सोनपुर में हर साल लगने वाला मशहूर हरिहर क्षेत्र मेला Sonepur Mela एक बार फिर अपनी मौज मस्ती बिखेरने लोगों के बीच आ रहा है. Sonepur Mela इस साल 25 नवंबर से शुरु होकर 27दिसंबर तक चलेगा. इस साल Sonepur Mela पूरे 32 दिन के लिए सोनपुर में रहेगा.इस मेले के अंदर शाही गजस्नान का खास आकर्षण रहता है. इस साल 27 नवंबर को शाही गज स्नान का आय़ोजन किया जायेगा.
![Sonepur Mela Gaj Snan](https://thebharatnow.in/wp-content/uploads/2023/11/SONEPUR-GAJ-SNAN.jpg)
एडवेंचर स्पोर्टस होगा खास आकर्षण
इस बार आयोजकों ने इस मेले में एडवेंचर स्पोर्ट्स को बड़े पैमाने पर आयोजित करने की योजना बनाई है. इसके लिए एजेंसियों का चयन किया जा रहा है.बिहार राज्य के पर्यटन निदेशक विनय कुमार राय के अनुसार 3 एकड़ जगह में घोड़ा बाजार और चिड़िया बाजार स्टाल लगेंगे. इसके साथ ही घुड़दौड़, नौका दौड़ और कुश्ती प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जायेगा. इस मेले में दूर दूर से लोग आते है क्योंकि इस मेले में सुंदरता के साथ साथ, कई तरह की प्रतियोगिता देखने को मिलती है.
![Sonepur Mela Adventure Sports](https://thebharatnow.in/wp-content/uploads/2023/11/Sonepur-adventure-sports-1.jpg)
एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला
बिहार के सोनपुर में हर साल नवंबर-दिसंबर में इस मेले का आयोजन किया जाता है . ये एशिया का सबसे मशहूर और बड़ा पशु मेला हैं. मेले को ‘हरिहर क्षेत्र मेला’ के नाम से भी जाना जाता है. स्थानीय लोग इसे छत्तर मेले के नाम से पुकारते हैं. बिहार की राजधानी पटना से लगभग 25 किलोमीटर और वैशाली जिले के मुख्यालय हाजीपुर से 3 किलोमीटर दूर सोनपुर में गंडक के तट पर लगने वाले इस मेले ने देश में पशु मेले को एक शानदार पहचान दी है. सोनपुर में यह मेला बहुत खुशी के साथ और प्रेम के साथ मनाया जाता है, और सभी लोग इस मेले का आनंद उठाते है.
Sonepur Mela में आते है हजारों नस्ल के जानवर
सोनपुर मेले को लोकप्रिय रूप से पशु मेले के रूप में जाना जाता है. इस मेले में गायों और बैलों की अलग अलग नस्लों को बिक्री के लिए लाया जाता है. हालांकि, सारण जिले के दिघवारा के सामाजिक कार्यकर्ता अमित कुमार के मुताबिक खेती या खेतों की जुताई के लिए ट्रैक्टरों की शुरुआत के बाद बैलों की जरूरत कम हो गई है. लेकिन परंपरागत रुप से यहां आज भी गाय और बैल खरीद बिक्री के लिए लाये जाते हैं.इस मेले में हाथी तक खीरदे बेचे जाते हैं.
विदेशी पर्यटकों के लिए बनाये जा रहे हैं खास कॉटेज
मेले की प्रसिद्धि को देखते हुए यहां विदेशी मेहमानों के भी आने की संभावना है.इस देखते हुए 20 स्विस कॉटेज बनाए जा रहे हैं. चार एकड़ में सरकारी विभागों के पवेलियन और स्टॉल बनाए जा रहे हैं .इस साल के सोनपुर मेले में कृषि प्रदर्शनी पर खास तवज्जो रहेगी.मेले मे इस बात का खास ध्यान रखा जायेगा कि प्रतिबंधित पशुओं की खरीद बिक्री ना हो. सोनपुर मेले में घोड़ा बाजार मुख्य आकर्षण का केंद्र होता है. पिछले साल इस मेले में करीब 5500 घोड़े लाये गये थे. मेले में घोड़े की चाल को दिखाने के लिए हार्स राइडिंग भी की जाती है.