शुक्रवार को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शरजील इमाम (Sharjeel Imam) को 2019 में दर्ज जामिया हिंसा मामले में बरी कर दिया.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र शरजील इमाम (Sharjeel Imam) और सह-आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा को 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुई हिंसा की घटनाओं से संबंधित एक मामले में दिल्ली की एक अदालत ने आरोपमुक्त कर दिया. आपको बता दें जामिया इलाके में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के समय लोगों और पुलिस के बीच झड़प के बाद हिंसा भड़क गई थी.
हलांकि इसी मामले में अदालत ने मोहम्मद इलियास नाम के सह-अभियुक्त के खिलाफ गैरकानूनी असेंबली और दंगा करने के आरोप तय किए है. पुलिस ने शरजील इमाम (Sharjeel Imam) और आसिफ इकबाल तन्हा पर दंगा भड़काने और गैरकानूनी तरीके से लोगों को जमा करने का आरोप लगा भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में मुकदमा दायर किया था.
तन्हा ने कहा अदालत ने माना कि प्रदर्शन करना नागरिक का हक़
कोर्ट से आरोपमुक्त होने के बाद आसिफ इकबाल तन्हा ने मीडिया से बात की. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने रिहाई देते हुए क्या कहा,”जज साहब ने यह कहते हुए हमें रिहा किया कि पुलिस ने जो आरोप लगाए थे वो बेबुनियाद साबित हुए हैं और कोई भी सबूत स्ट्रॉन्ग नजर नहीं आ रहा है.” आसिफ इकबाल तन्हा का कहना था कि,”अदालत ने सीएए शांति के साथ प्रोटेस्ट को लेकर कहा कि प्रदर्शन करना नागरिक का हक है और यह लोग शांति से प्रदर्शन कर रहे थे. उस प्रदर्शन को पुलिस ने हिंसक बनाया था.
शरजिल को अभी भी रहना होगा जेल में
हालांकि शरजिल इमाम (Sharjeel Imam) को जामिया हिंसा मामले में आरोपमुक्त कर दिया गया है लेकिन उन्हें अभी भी जेल में रहना होगा, शरजिल पर 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की साजिश रचने का भी आरोप है. इस मामले में उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत केस दर्ज है.