Friday, September 20, 2024

Manipur violence: मणिपुर में महिलाओं के साथ हिंसा का दिल दहलाने वाला वीडियो वायरल, प्रियंका गांधी ने पूछा पीएम आंख मूंद कर क्यों बैठे हैं

बुधवार को मणिपुर हिंसा का एक खौफनाक वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है. वीडियो में कुकी-ज़ोमी समुदाय की दो महिलाओं को पुरुषों की भीड़ द्वारा नग्न घुमाए जाने और उनके साथ यौन उत्पीड़न की तस्वीरें कैद हैं. बताया जा रहा है कि ये वीडियो दो महीने से ज्यादा पुराना है जब मणिपुर में पहली बार हिंसा शुरू हुई थी.

पुलिस अधिकारी ने की वीडियो की पुष्टी

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने वीडियो की पुष्टि की, और बताया कि घटना 4 मई को थौबल जिले में हुई थी और इस मामले में 18 मई को कांगपोकपी जिले में एक ज़ीरो एफआईआर भी दर्ज की गई थी. हालाँकि, शर्मनाक ये भी है कि “अज्ञात सशस्त्र बदमाशों” के खिलाफ अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या सहित आरोपों पर एफआईआर दो महीने पहले दर्ज की गई थी, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

कुकी-ज़ोमी महिलाओं पर अत्याचार का वीडियो

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, दोनों महिलाएं, जिसमें से एक की उम्र 20 वर्ष और दूसरी की 40 वर्ष बताई जा रही है, कुकी-ज़ोमी प्रभुत्व वाले पहाड़ी जिले कांगपोकपी से हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि पुरुषों की भीड़ उन्हें नग्न अवस्था में सड़क पर और खेत की ओर ले जा रही है. कुछ लोगों को दो महिलाओं को खेत की ओर खींचते और उनके साथ जबरदस्ती छेड़छाड़ करते देखा जा सकता है.
अखबार की जानकारी के मुताबिक ये घटना मैतेई बहुल घाटी जिले थौबल में हुई थी, पीड़ितों ने बाद में कांगपोकपी जिले के एक पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की, जहां एक शून्य प्राथमिकी दर्ज की गई और मामला थौबल में संबंधित पुलिस स्टेशन को भेज दिया गया.

पीड़ितों ने अपनी शिकायत में क्या कहा

एफआईआऱ के अनुसार, जबकि वीडियो में केवल दो महिलाएं दिखाई दे रही हैं, असल में 50 साल की एक अन्य महिला भी थी जिसे भीड़ ने अपने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया था. शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि छोटी महिला के साथ “दिनदहाड़े बेरहमी से सामूहिक बलात्कार किया गया”
अपनी शिकायत में, पीड़ितों ने कहा है कि गांव के पांच सदस्य – जिसमें तीन महिलाएं और सबसे छोटी महिला के दो रिश्तेदार जंगल की ओर भाग गए थे. जब गाव में एके राइफल्स, एसएलआर, इंसास जैसे अत्याधुनिक हथियार लेकर 800-1,000 लोगों की भीड़ को .303 राइफल्स” उनके गांव में घुस गई और लूटपाट और आगजनी शुरू कर दी. घटना 3 मई को राज्य में हिंसा भड़कने के एक दिन बाद, 4 मई की दोपहर की हैं.

महिलाओं को भीड़ ने जबरन पुलिस हिरासत से छीन लिया

उन्होंने बताया कि बाद में पुलिस ने उन्हें बचाया और थाने ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में भीड़ ने उन्हें रोक लिया और थाने से करीब दो किलोमीटर दूर पुलिस हिरासत से ले लिया. उन्होंने कहा कि सबसे छोटी महिला के पिता की मौके पर ही मौत हो गई थी और “तीनों महिलाओं को शारीरिक रूप से अपने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया और भीड़ के सामने उन्हें नग्न कर दिया गया”, जिसके बाद उन्होंने आरोप लगाया कि सबसे छोटी महिला के साथ दूसरों के सामने बलात्कार किया गया था. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उसकी मदद करने की कोशिश करने पर उसके भाई की हत्या कर दी गई.
बाद में तीनों महिलाएं निकटवर्ती पहाड़ी जिले तेंगनौपाल से भागने में सफल रहीं और फिलहाल राहत शिविरों में हैं.

जल्द होगी गिरफ्तारी-पुलिस

बुधवार को वीडियो वायरल होने के बाद शाम को एक प्रेस नोट जारी कर , मणिपुर के पुलिस अधीक्षक के मेघचंद्र सिंह ने कहा: “4 मई को अज्ञात सशस्त्र बदमाशों द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाने के वायरल वीडियो के संबंध में, अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या आदि का मामला दर्ज किया गया था. थौबल जिले में अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है. राज्य पुलिस दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.”

इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने की अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

वीडियो जारी होने के जवाब में, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम – चूड़ाचांदपुर में पंजीकृत जनजातियों का एक समूह – ने मांग की कि राज्य और केंद्र सरकारें, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग घटना का संज्ञान लें और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करें.

प्रियंका गांधी ने पूछा क्या पीएम को ऐसी तस्वीरें विचलित नहीं करती

वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने वीडियो वायरल होने के बाद एक ट्वीट कर कहा है कि, “मणिपुर से आ रही महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं. महिलाओं के साथ घटी इस भयावह हिंसा की घटना की जितनी निंदा की जाए कम है. समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा दंश महिलाओं और बच्चों को झेलना पड़ता है. हम सभी को मणिपुर में शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हिंसा की एकस्वर में निंदा करनी पड़ेगी. केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री जी आखिर मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंख मूंद कर क्यों बैठे हैं? क्या इस तरह की तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें विचलित नहीं करतीं?”

ये भी पढ़ें- Monsoon Session: सदन के पहले दिन मणिपुर पर हंगामा तय, कांग्रेस ने कहा लाएगी स्थगन प्रस्ताव

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news