Share Market: स्टॉक मार्केट में गिरावट का दौर जारी है, बाजार संभलकर फिर टूट रहा है. ऐसे में अगर कोई ये कहे कि सेंसेक्स 1 लाख पॉइंट को पार कर जाएगा, तो आपको लगेगा बकवास ही कर रहा है. लेकिन अनुमान तो कुछ ही इस तरह के दिख रहे हैं कि दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 1 लाख पॉइंट को पार कर जाएगा. चलिए समझते हैं पूरा गुणा-गणित…
ट्रंप के फैसलों और बाजार की गिरावट
शेयर बाजार में जब पहली बार अक्टूबर-नवंबर 2024 में गिरावट शुरू हुई थी. तब किसी को अनुमान नहीं था कि सेंसेक्स 1 लाख पॉइंट के पार जाएगा. फिर भी बाजार ने रफ्तार पकड़ी और दिसंबर की शुरुआत में ही 6% का तगड़ा रिटर्न दे दिया. देश की इकोनॉमी के मैक्रोइकोनॉमिक्स की स्टेबिलिटी और अच्छे कैश फ्लो को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने उम्मीद जताई कि दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 1,05,000 पॉइंट को टच कर जाएगा. ये अनुमान तब का है जब डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ नहीं ली थी. अमेरिका ने टैरिफ वॉर नहीं छेड़ा था और ना ही भारत की इकोनॉमी पर ट्रंप के फैसलों का प्रभाव पड़ना शुरू हुआ था.
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरू किए. भारत को दबाव में कई तरह के टैरिफ करने पर विचार करना पड़ रहा है. अमेरिका को मोस्ट फेवर्ड नेशन स्टेटस देने पर भी विमर्श चल रहा है. इस बीच शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों (FPI) ने तेजी से निकासी की है और भारतीय शेयर बाजार ने फरवरी में 30 साल की सबसे बड़ी गिरावट का स्तर छुआ है. इन सबकी पृष्ठभूमि में क्या 1 लाख पॉइंट तक पहुंचना मुमकिन है?
चाहिए होगी 41% की बढ़त
मार्केट में गिरावट के रुख के बावजूद ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली का दावा है कि शेयर बाजार दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 1,05,000 पॉइंट को टच कर सकता है. हालांकि बाजार को अगर ऐसा करना है तो उसे अभी के स्तर से एक साल में करीब 41% की बढ़त हासिल करनी होगी. भारतीय शेयर बाजार की रिस्क झेलने की क्षमता का उसे रिवॉर्ड मिलेगा. दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 93,000 पॉइंट के लेवल तक तो आराम से पहुंच सकता है. ये मौजूदा लेवल से करीब 25% अप होगा. हालांकि अगर जोखिम फैक्टर एक हद से ज्यादा पहुंच जाता है, तब मॉर्गन स्टेनली के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में शेयर बाजार के दिसंबर 2025 तक 70,000 पॉइंट पर आने की आशंका भी है. ये अभी के स्तर से करीब 6% नीचे होगा.
हालांकि भारत को लेकर मार्गन स्टेनली के इंडिया रिसर्च हेड रिद्धम देसाई का कहना है कि अब मार्केट अपने बॉटम लेवल पर आ चुका है और यहां से ऊपर उठने की तैयारी करेगा. सिर्फ कोई ग्लोबल मंदी ही मार्केट को इस साल नीचे रख सकती है.