सोमवार को बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और अन्य से जुड़े कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आरोप पत्र दायर किया. आरोपपत्र दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल किया गया. हालाँकि, इस आरोप पत्र पर सुनवाई की कोई तारीख अभी तक नहीं दी गई है. मामले की सुनवाई पहले से ही 12 जुलाई को होनी है. ये इस मामले में दूसरी चार्जशीट है.
क्या है लालू परिवार पर आरोप
लालू प्रसाद यादव पर अपने परिवार और उसके सहयोगियों को उपहार में दी गई या सस्ती दरों पर बेची गई जमीन के बदले में रेलवे में नौकरी देने का आरोप है. मामला मई 2004 से मई 2009 के बीच का है जब लालू रेल मंत्री थे.
पहली चार्जशीट अक्तूबर 2022 में दायर की गई थी
पिछले साल अक्तूबर में केंद्रीय एजेंसी ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. एजेंसी ने अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया कि रेलवे के मानदंडों, दिशानिर्देशों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए मध्य रेलवे में उम्मीदवारों की अनियमित और अवैध नियुक्तियां की गईं.
आरोप पत्र में कहा गया है कि बदले में, चयनित उम्मीदवारों ने सीधे या करीबी रिश्तेदारों या परिवार के सदस्यों के माध्यम से, लालू प्रसाद यादव, जो तत्कालीन रेल मंत्री थे, के परिवार के सदस्यों को जमीन बेच दी. जमीन प्रचलित बाजार दर के एक-चौथाई से पांचवें हिस्से की रियायती दर पर बेची गई थी.
पहले आरोपपत्र में है मीसा भारती और रबड़ी देवी का नाम
2007-2008 के दौरान, तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने पटना के ग्राम-महुआबाग और ग्राम-कुंजवा में स्थित जमीन खरीदने और अधिग्रहण करने के इरादे से कथित तौर पर अपनी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, मध्य रेलवे और कई अन्य अधिकारियों के साथ आपराधिक साजिश रची थी.. आरोप पत्र में कहा गया है कि ज़मीन का टुकड़ा लालू यादव के परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाले ज़मीन के टुकड़े के बगल में स्थित था.
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