SC on Reservation : अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण को लेकर भारत बंद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने आज एससी-एसटी वर्ग के आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मध्यप्रदेश उच्चन्यायलय के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें एससी-एसटी औऱ ओबीसी वर्ग के उन मेधावी छात्रों को सामान्य श्रेणी की सीट पर दाखिला नहीं देने से इंकार कर दिया था,जिनको एक वर्ग के रुप में आरक्षण का लाभ मिल रहा है. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग में मेधा सूची में आये छात्र अगर योग्यता के आधार पर सामान्य कोटे की सीटों पर एडमिशन पाने के हकदार हैं, तो उन्हें आरक्षण वाली सीटों पर दाखिला नहीं मिलना चाहिए. उनका दाखिला सामान्य सीटों पर होना चाहिये.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने रामनरेश उर्फ रिंकू कुशवाहा और अन्य की ओर से एमपी हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल अपील स्वीकार करते हुए यह फैसला दिया. पीठ ने कहा कि पिछड़ा वर्ग, अनूसूचित जाति और एअनूसूचित जन जाति के छात्र अगर अपनी योग्यता पर क्वालिफाई करते हैं, तो उन्हें भी समान्य सीट पर एडमिशन पाने का आधिकार है.उन्हें अनारक्षित / सामान्य सीटों पर ही एडमिशन मिलना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने किस आधार पर दिया फैसला
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपना जजमेंट देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सौरव यादव एवं बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के मामले में दिये गये अपने पहल के फैसले को आधार बनाते हुए ये फैसला दिया है. ये मामला मध्य प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में MBBS में दाखिला से संबंधित है. इसमें आरक्षित श्रेणी के मेधावी छात्रों को प्रशासन ने सामान्य वर्ग में दाखिला देने से इनकार कर दिया था. फिर ये मामला एमपी हाई कोर्ट पहुंचा.
क्या है ये पूरा मामला ?
दाखिले में आरक्षण का ये मामला मध्य प्रदेश में MBBS में एडमिशन को लेकर था. यहां एमबीबीएस में एडमिशन के लिए कुल सीटों का 5 प्रतिशत सरकारी स्कूल (GS) के छात्रों के लिए आरक्षित था. मध्यप्रदेश शिक्षा प्रवेश नियम 2018 के मुताबिक य़हां कई सीटें खाली रह गईं थी.सीटों को GS-UR श्रेणी से ओपन श्रेणी में बदल दिया गया था.
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में इस मामले ये प्रार्थना कि गई रिजर्व श्रेणी के मेधावी छात्र जिन्होंने सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की है, उन्हें सामान्य श्रेणी के सरकारी स्कूल कोटे के तहत MBBS में दाखिला मिलना चाहिए. हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने सरकारी स्कूलों से पास हुए मेधा श्रेणी में आने वाले छात्रों को सामान्य सीट पर MBBS में दाखिला नहीं दिये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. मध्यप्रदेश हाई कोर्ट से उन छात्रों की याचिका खारिज कर दी गई, अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला छात्रो के पक्ष में सुनाया है .