Sunday, February 23, 2025

SC former judge letter PM & Rahul Gandhi : लोकसभा चुनाव 2024 के बीच पीएम मोदी और राहुल गांधी को खुली बहस का न्योता, सुप्रीमकोर्ट के पूर्व जज ने लिखी खुली चिट्ठी

SC former judge letter PM & Rahul Gandhi : लोकसभा चुनाव 2024  के तीन चरण बीत चुके हैं और लगभग आधा चुनाव और आधे से ज्यादा सीटों पर मतदान हो चुका है. इस बीच  सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश जस्टिस बी लोकुर, दिल्ली  हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस अजीत पी शाह और द हिंदु अखबार के पूर्व एडिटर एन राम ने पीएम मोदी और राहुल गांधी के नाम एक खुली चिट्ठी लिखी है, जिसमें दोनो नेताओं को देश के ज्वलंत मुद्दों पर सार्वजनिक बहस के लिए आमंत्रित किया गया है.

SC former judge letter PM & Rahul Gandhi
SC former judge letter PM & Rahul Gandhi

अंग्रेजी में लिखी गई इस चिट्ठी का मजमून क्या है ?   

पूर्व जस्टिस बी लोकुर, पूर्व जस्टिस अजीत पी शाह और एन राम के  नाम से जारी इस चिट्ठी मे कहा गया है कि “हमारा . मानना है कि सार्वजनिक बहस के माध्यम से  हमारे राजनेताओं को सीधे सुनने से नागरिको को अत्यधिक लाभ होगा. हमारा मानना है कि इससे (खुली बहस से) लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने में मदद मिलेगी.

पूर्व जस्टिस बी लोकुर, पूर्व जस्टिस अजीत पी शाह और एन राम की नाम से लिखी गई इस चिठ्टी में कहा गया है कि आपने विभिन्न क्षमताओं के साथ देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाया है.हम आपके पास एक ऐसा प्रस्ताव लेकर आये हैं , जिसके बारे में हमारा मानना है कि यह किसी एक पक्ष में नहीं है, बल्कि प्रत्येक नागरिक के हक में है. 18 वीं लोकसभा के लिए मतदान मध्य में पहुंच चुका है. रैलियों और सार्वजनिक संबोधनों के दौरान सत्तारुढ़ बीजेपी और विपक्षी दल ने संवैधानिक लोकतंत्र से संबंधित कई सवाल पूछे हैं.

पत्र में पीएम मोदी और विपक्षी नेता खरगे के वक्तव्यों का किया जिक्र

पत्र में लिख गया है कि पीएम ने आर्टिकल 370, आरक्षण, धन पुनर्वितरण पर कांग्रेस को सार्वजनिक रुप से चुनौती दी है. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने संविधान, चुनावी बांड औऱ चीन के प्रति सरकार की प्रतिक्रिया को लेकर सवाल पूछे हैं और उन्हें सार्वजनिक बहस  की चुनौती दी है . दोनो पक्षो ने अपने-अपने चुनावी घोषणा पत्र में सामाजिक न्याय की संवैधानिक रुप से संरक्षित योजना पर अपने रुख के बारे में एक दूसरे से सवाल पूछे हैं.

पत्र में दोनों पक्षों के आरोप प्रत्यारोप पर चिंता

पत्र में कहा गया है कि एक आम नागिरक होने के नाते हम चिंतित है. हमने दोनों पक्षों के केवल आरोप और चुनौतियां सुनी हैं औऱ अब तक कोई सार्थक प्रतिक्रिया देखने के लिए नहीं मिली है.  हम जानते हैं कि आज की डिजिटल दुनिया में सूचनाओं के गलत प्रसारण, गलत बयानबाजी और सूचनाओं के हर फेर की प्रवृति हैं . इसलिए आज की स्थिति में ये सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि जनता को सभी पहलुओ के बारे में अच्छी तरह से शिक्षित किया जा सके, ताकि वो मत पत्र में एक सही विकल्प का चुनाव करें.

सार्वजनिक बहस से बनेगी मिसाल

पत्र में आखिर में कहा गया है कि इन मुद्दों पर दोनो नेताओं की तरफ से सार्वजनिक बहस की जाये, जिससे जनता को फायदा हो. दोनो नेताओं के विचार सुनकर जनता सीधे ये तय कर सकेगी कि उसे किसका समर्थन करना है.इससे जागरुकता बढ़ेगी और लोग ज्यादा जानकारी के साथ अपना मत दे सकेंगे. हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और पूरी दुनिया हमारे चुनाव को उत्सुकता के साथ देखती है.इसलिए ये सार्वजनक बहस एक मिसाल कायम करेगी.

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