Sunday, September 8, 2024

Rupauli Assembly By-election: निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह जीते, सांसद बनने के चक्कर में विधायकी से भी हाथ धो बैठी बीमा भारती

Rupauli Assembly By-election: शनिवार को आए विधानसभा उपचुनाव के नतीजों में जहां इंडिया गठबंधन ने देशभर में बेहतर प्रदर्शन किया वहीं बिहार में उसे मुंह की खानी पड़ी. बिहार के रुपौली विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने जीत दर्ज की. शंकर सिंह ने 8 हजार 846 वोटों से जेडीयू के कलाधर मंडल को हराया. जबकि इस सीट को खाली कर सांसद का चुनाव लड़ने वाली बीमा भारती तीसरे स्थान पर रही.

5 बार की विधायक बीमा भारती रही तीसरे नंबर पर

रुपौली विधानसभा सीट जीतने वाले निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह को 68, 070 वोट मिले. जबकि दूसरे नंबर पर रहे कलाधर मंडल को 59, 824 वोट मिले हैं. वहीं, इस सीट पर 5 बार की विधायक रही बीमा भारती पहले राउंड से ही तीसरे नंबर पर बनी रही. उन्हें सिर्फ 30 हजार 619 वोट मिले हैं.
बीमा भारती के विधायकी से इस्तीफा दे आरजेडी में शामिल होने के चलते ये सीट खाली हुई थी. ऐसा माना जा रहा था कि इस सीट पर बीमा भारती और कलाधर मंडल के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा लेकिन निर्दलीय शंकर सिंह के खड़े हो जाने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया और नतीजा ये निकला की रुपौली जेडीयू और आरजेडी दोनों के हाथ से निकल गई.

Rupauli Assembly By-election: सांसद बनने के चक्कर में विधायकी से भी हाथ धो बैठी बीमा भारती

ठीक लोकसभा चुनाव से पहले जेडीयू का दमन छोड़ रजेडी में शामिल होने वाली बीमा भारती के बारे में अब ये कहा जा रहा है कि वो सासंद बनने के चक्कर में विधायकी से भी हाथ धो बैठी है. महागठबंधन सरकार गिरने के बाद से ही बीमा भारती जेडीयू से नाराज़ चल रही थी. बीजेपी-जेडीयू सरकार के बहुमत साबित करने के समय भी उनके पाला बदलने की चर्चा थी. जिसके चलते बाद में उनके बेटे और पति के खिलाफ एक मामले में कार्रवाई भी की गई.
2024 लोकसभा चुनाव से पहले ऐसा कहा जा रहा था कि बीमा भारती अपने लिए दिल्ली की राजनीति में जगह बनाना चाहती है. जब पूर्णिया की सीट आरजेडी के पाले में आई तो बीमा भारती ने जेडीयू को अलविदा कह दिया. आरजेडी ने उन्हें पूर्णिया से टिकट भी दिया लेकिन निर्दलिय चुनाव लड़ पप्पू यादव ने यहां उनके सपनों पर पानी फेर दिया.
हलांकि विधायकी के चुनाव में बीमा भारती के समर्थन में पप्पू यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समर्थन का एलान किया. लेकिन ये अपील भी बीमा भारती को जीत नहीं दिला पाई.

बीमा भारती ने 2000 में बतौर निर्दलीय शुरु किया था राजनीति का सफर

बात अगर बीमा भारती का राजनीतिक सफर की करें तो दो दशक पहले 2000 के विधानसभा चुनाव में रुपौली से वो बतौर निर्दलीय उम्मीदवार जीत थी. जेडीयू में उनका सफर 2010 में शुरु हुआ. तब से वो लगातार रुपौली विधानसभा सीट से जीत रही थी. वो एक बार बिहार सरकार में मंत्री भी रही हैं. 2014 को जीतन राम मांझी सरकार के कैबिनेट विस्तार में बीमा भारती को मंत्री बनाया गया था बाद में वो 2019 में बी मंत्री बनी. बीमा भारती ने नीतीश कैबिनेट में गन्ना और विकास विभाग संभाला था.

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