महाराष्ट्र के मानसून सत्र के पांचवें दिन बुधवार को विधानमंडल के बाहर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले गुट और महाविकास अघाड़ी के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. मामला धक्का-मुक्की और हाथापाई तक पहुंच गया. दोनों गुटों के बीच पहले भी भिड़ंत हुई है, लेकिन पहली बार विधान भवन की सीढ़ियों पर ऐसी तकरार हुई. पिछले चार दिनों से विपक्ष सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहा है. इसके खिलाफ भाजपा के विधायक बुधवार सुबह धरना देने पहुंचे थे, जिसके बाद दोनों गुटों के बीच झड़प देखने को मिली.
#WATCH महाराष्ट्र के कुछ भाजपा विधायकों और महा विकास अघाड़ी के विधायकों में राज्य विधानसभा के बाहर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध को लेकर बहस छिड़ गई। pic.twitter.com/FyVCQo5OAw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 24, 2022
विधान भवन की सीढ़ियों पर क्या हुआ ?
बताया ये जा रहा है कि सत्तारूढ़ शिंदे गठबंधन को चिढ़ाने के लिए पिधले चार दिनों से धरना दे रहे एनसीपी विधायक आज गाजर लेकर पहुंचे थे. वह ‘गाजर देना बंद करो, सूखा घोषित करो’ जैसे नारे लगा रहे थे. यह सब चल ही रहा था कि शिंदे गुट के विधायकों ने गाजर छीनने की कोशिश की जिसको लेकर छीनाझपटी हुई. जिसके बाद दोनों तरफ से धक्का मुक्की और हाथापाई देखने को मिली. इसके साथ ही उद्धव गुट के विधायक भी शिंदे गुट के खिलाफ ’50 खोखे, एकदम ओके’ जैसे नारे लगा रहे थे. तनाव बढ़ता देख दोनों ओर के कुछ वरिष्ठ नेता बीच बचाव करने आए तब जाकर विधायकों को शांत कराया जा सका. इसके बाद दोनों पक्षों के विधायक सदन की कार्रवाई में हिस्सा लेने अंदर पहुंचे. महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र गुरुवार को खत्म हो रहा है.
महाविकास अघाड़ी सरकार गिरने के बाद बढ़ी तल्खियां
बता दें, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 39 अन्य शिवसेना विधायकों ने जून में बगावत कर दी थी. इसके कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना—कांग्रेस-एनसीपी की महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई. इसके बाद 30 जून को शिंदे के नेतृत्व में बीजेपी के समर्थन से नई सरकार बनी है.
इसके साथ ही शिंदे गुट और उद्धव गुट में शिवसेना पर कब्जे की जंग भी चल रही है. इस मामले में दोनों गुटों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है. कोर्ट ने मामला में पांच जजों की संविधान पीठ बनाई है.