Thursday, November 7, 2024

J&K assembly: विधानसभा में हुई हाथापाई-फाड़े गए पोस्टर, इंजीनियर राशिद के भाई के अनुच्छेद 370 का पोस्टर दिखाने पर हुआ बवाल

J&K assembly: गुरुवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में लंगेट से विधायक और जेल में बंद लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद के भाई खुर्शीद अहमद शेख ने अनुच्छेद 370 पर एक बैनर दिखाने को लेकर खूब हंगामा हुआ. नौबत ये आई की विपक्षी दल बीजेपी के विधायकों के पोस्टर छीनने की कोशिश की जिसमें हाथापाई हो गई.

J&K assembly: बीजेपी नेताओं ने की बैनर छीनने की कोशिश

अवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायक द्वारा दिखाए गए बैनर पर लिखा था, “हम अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली की मांग करते हैं. राजनीतिक कैदियों की रिहाई हो.”
वह सदन के वेल में घुस गए, जिस पर विपक्ष के नेता और भाजपा नेता सुनील शर्मा ने आपत्ति जताई, जबकि मार्शलों ने उन्हें खड़े होने से रोकने की कोशिश की.
अध्यक्ष ने उन्हें अपनी सीट पर बैठने का निर्देश भी दिया. हालांकि, वह बैनर लेकर खड़े रहे और भाजपा नेताओं ने उनसे बैनर छीनने का प्रयास किया, जिससे हाथापाई हुई.
पुलवामा से पीडीपी विधायक वहीद पारा को लंगेट विधायक को बचाने के लिए आगे आते देखा गया.

प्रस्ताव पारित कर 370 को निरस्त करने की निंदा की

इस बीच, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन सहित विपक्षी पार्टी के विधायकों ने एक प्रस्ताव पारित कर अनुच्छेद 370 को हटाए जाने की निंदा की।“यह सदन भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए के असंवैधानिक और एकतरफा निरस्तीकरण के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को लागू करने की कड़ी निंदा करता है. प्रस्ताव में कहा गया है, “इन कार्रवाइयों ने जम्मू-कश्मीर से उसका विशेष दर्जा और राज्य का दर्जा छीन लिया है तथा भारत के संविधान द्वारा इस क्षेत्र और इसके लोगों को दी गई मूलभूत गारंटी और सुरक्षा को कमजोर कर दिया है.”

केंद्र सरकार से अनुच्छेद 370 और 35ए बहाल करने की मांग की गई

नेताओं ने अनुच्छेद 370 और 35ए को उनके मूल स्वरूप में तत्काल बहाल करने की मांग की और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 द्वारा किए गए परिवर्तनों को वापस लेने का आह्वान किया, सरकार से क्षेत्र की विशिष्ट पहचान और स्वायत्तता का सम्मान करने का आग्रह किया.
विधायक ने प्रस्ताव में उल्लेख किया, “यह सदन स्पष्ट रूप से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को उनके मूल, अपरिवर्तित रूप में तत्काल बहाल करने की मांग करता है और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 द्वारा पेश किए गए सभी परिवर्तनों को वापस लेने का आह्वान करता है. हम भारत सरकार से जम्मू-कश्मीर की विशिष्ट पहचान, संस्कृति और राजनीतिक स्वायत्तता को बनाए रखने के उद्देश्य से सभी विशेष प्रावधानों और गारंटियों को बहाल करके जम्मू-कश्मीर की संवैधानिक और लोकतांत्रिक पवित्रता का सम्मान करने का आग्रह करते हैं.”

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