हिन्दुस्तान-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच हो और दर्शकों के बीच जूनून का उफान ना हो, ऐसा कभी हो सकता है. लेकिन यही जूनून कभी कभी सारी हदें पार कर जाता है. जब दोनों टीमों में से कोई एक हारती है. अब खेल है एक का हारन तो दूसरे का जीतना तो तय है. शायद ये हार दरशकों को बर्दाश्त नहीं होती. जिसके बाद शुरू होता है बवाल. ताज़ा मामला सामने आया कुछ ऐसा ही हुआ धर्म नगरी वाराणसी के कशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में जहाँ भारत पाक क्रिकेट मैच में भारत की हार के बाद माहौल गर्मा गया.
दरअसल BHU में एशिया कप के सुपर-फोर के लिए रविवार को भारत और पाक की तगड़ी टक्कर के बाद देर रात छात्रों के दो गुटों में मामूली कहासुनी ने बड़ा बवाल खड़ा कर दिया. शिक्षा का मंदिर जंग के मैदान में तबदील हो गया. देर रात तक दोनों ओर के सैकड़ों छात्र आमने-सामने आ गए. एक-दूसरे के खिलाफ लाठी-डंडा, से लेकर लांत-घूंसे तक चलाए गए. झडंप के दौरान दोनों तरफ से पत्थरबाज़ी की भी खबरें हैं.
मारपीट और बवाल की खबर पर कई थानों की पुलिस फाॅर्स मौके पर पहुंची और मोर्चा संभाला. जिसके तहत रात करीब 12 बजे शुरू हुआ हंगामा सोमवार की सुबह तक जाकर शांत हुआ. मजबूरन छात्रों पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. पुलिस ने बलपूर्वक छात्रों को हॉस्टल के अंदर धकेला. इस दौरान पूरे कैंपस में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. इस बवाल में अभी तक पांच छात्र के गंभीर रूप से घायल होने की खबर हैं. जिन्हें बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है.
सोमवार सुबह से विश्वविद्यालय परिसर में तनावपूर्ण शांति है. जगह-जगह भरी पुलिसबल तैनात है. खासकर बिड़ला और एलबीएस हॉस्टल के पास पुलिस ज्यादा सतर्कता बरत रही है. ऐसे में इस घटना के बाद फिर एक बाद बीएचयू परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.
हालाँकि इस झगडे की मुख्या वजह क्या थी ये पता नहीं चल पाई है . कोई मौजूद लोगों में कोई बर्थडे पार्टी को लेकर मारपीट होने की बात कह रहा है, तो कोई भारत पाकिस्तान मैच के दौरान आपसी नोंकझोंक को झगडे की वजह बता रहा है. हैरानी की बात ये हैं जिस समय यह घटना हुई, उस समय वहां छात्रावास से जुड़े अधिकारी भी मौजूद नहीं थे. ये सवाल खड़ा करता है परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर.
वहीँ घटना के बाद जब चीफ प्रॉक्टर प्रो. अभिमन्यु सिंह घटना स्थल पर पहुंचे और छात्रों को मनाने की कोशिश की गई। तो छात्रों का कहना है था कि वो नहीं हटेंगे. हॉस्टल परिसर में बाहरी छात्रों ने आकर मारपीट की। मामले में एक्शन होगा तभी वो हटेंगे. इस दौरान सभी छात्रों ने प्रदर्शन के दौरान बीएचयू प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की.
दोनों गुट की मांग थी कि हमलावार छात्रों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए. तमाम समझाइश के बाद भी जब छात्र टस से मस नहीं हुए तब जाकर पुलिस फोर्स ने लाठी का सहारा लेकर पूरी ताकत के साथ छात्रों को घटनास्थल से हॉस्टल के अंदर की ओर खदेड़ भगाया . यूनिवर्सिटी का माहौल अभी भी तनावपूर्ण है. पुलिस अधिकारी और प्रॉक्टोरियल बोर्ड के लोग अभी मामले को कंट्रोल करने में लगे हुए हैं. विश्वविद्यालय में जल्द ही नये सत्र की कक्षाएं शुरू होनी हैं.
वैसे ये कोई पहली बार नहीं वक्त वक्त पर बीएचयू में बवाल होता रहता है. यूनिवर्सिटी के छात्रों के बीच तो कभी बाहरी छात्रों के साथ इस तरह की लड़ाई झगड़ों की ख़बरें सुर्खियां बनती रहती हैं. लेकिन फिर भी प्रशासन नींद से नहीं जागता . हर बार वारदात होने के बाद पुलिस पहुँचती हैं. सवाल ये कि इस झगडे का और लगातार होती वारदातों का ज़िम्मेदार कौन है. तमाम वारदातों के मद्देनज़र कोई उचित कार्रवाई क्यों नहीं की जाती. हॉस्टल परिसर में तैनात अधिकरियों पर सवालों उठते हैं की आखिर ऐसे मौकों पर वो सामने क्यों नहीं आते. मामले को शांत कराने का प्रयास क्यों नहीं करते. विश्विद्यालय परिसर में सख्ती क्यों नहीं बरती जाती ?