Friday, November 22, 2024

RSS U turn on Reservation: भेदभाव जारी रहने तक आरक्षण जारी रहना चाहिए-मोहन भागवत

90 के दशक में मंडल कमिशन के खिलाफ आंदोलन करने वाली आरएसएस को अब एससीएसटी ओबीसी आरक्षण में कोई खामी नज़र नहीं आती. बुधवार को नागपुर के एक कार्यक्रम में बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हमारे समाज में भेदभाव मौजूद है और जब तक असमानता बनी रहेगी तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए.
उन्होंने कहा, ”जब तक हम उन्हें समानता प्रदान नहीं करते, तब तक कुछ विशेष उपाय करने होंगे और आरक्षण उनमें से एक है. इसलिए, जब तक ऐसा भेदभाव न हो तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए. हम आरएसएस में संविधान में दिए गए आरक्षण को पूरा समर्थन देते हैं. ”
मोहन भागवत ने कहा कि, ”समाज में भेदभाव मौजूद है, भले ही हम इसे देख न सकें”. आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा, आरक्षण “सम्मान देने” के बारे में है, न कि केवल वित्तीय या राजनीतिक समानता सुनिश्चित करने के बारे में. यदि समाज के जिन वर्गों को भेदभाव का सामना करना पड़ा है, वे 2000 वर्षों से पीड़ित हैं उन्होंने कहा, ”हम (जिन्हें भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा) अगले 200 वर्षों तक कुछ परेशानी क्यों स्वीकार नहीं कर सकते.”
आरक्षण पर भागवत का बयान ऐसे समय आया है जब आरक्षण के लिए मराठा समुदाय का आंदोलन एक बार फिर तेज हो गया है.

‘अखंड भारत’ आज के युवाओं के बूढ़े होने से पहले एक वास्तविकता बन जाएगा-भागवत

कार्यक्रम में एक छात्र के सवाल का जवाब देते हुए भागवत ने कहा कि वह ठीक से नहीं बता सकते कि अखंड भारत कब अस्तित्व में आएगा. लेकिन अगर आप इसके लिए काम करते रहेंगे, तो आप बूढ़े होने से पहले इसे साकार होते देखेंगे. क्योंकि हालात ऐसे बन रहे हैं कि जो लोग भारत से अलग हो गए, उन्हें लगता है कि उन्होंने गलती की. उन्हें लगता है कि ‘हमें फिर से भारत होना चाहिए था.’ वे सोचते हैं कि भारत बनने के लिए उन्हें मानचित्र पर रेखाओं को मिटाने की आवश्यकता है. लेकिन ऐसा नहीं है. भारत बनना भारत की प्रकृति (“स्वभाव”) को स्वीकार करना है,

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