पटना
बिहार सरकार में कृषि मंत्री रहे आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह ने छपरा में जहीरीली शराब से हुई मौतों पर अपनी ही सरकार को घेरते हुए कहा कि जो सरकार खाने और पीने की चीजों पर प्रतिबंध लगाये वो उनके मानसिक दिवालियापन का प्रतीक है. खान- पान क्रिमिनल एक्ट नहीं हो सकता है बल्कि ये एक सिविल एक्ट है. सरकार अगर शराब बंदी लागू भी करना चाहती है तो इसके लिए उन्हें लोगों के बीच जागरुरता फैलानी चाहिये, लोगों की काउंसिलिंग कर उन्हें ये विश्वास दिलाना चाहिये कि शराब बुरी चीज है.ना कि उन्हें पकड़ कर जेल में भर देना चाहिये.
पूर्व कृषि मंत्री रहे सुधाकर सिंह सरकार में रहते हुए भी अक्सर अपने तेवरों के कारण चर्चा में रहे हैं. कृषि मंत्री रहते हुए सुधाकर सिंह ने अपनी ही सरकारी में अपने विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार पर सवाल उठाया था . जिसके कारण लंबे समय तक राजनीतिक माहौल में गर्मी रही थी औऱ आखिरकार उन्होने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
इस बार आरजेडी नेता ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री के फैसले पर सवाल उठाया है. सुधाकर सिंह ने कहा कि सरकार चलाने का तरीका ही गलत है.जनता सरकार को विकास के कार्यों के लिए टैक्स देती है लेकिन सरकार उसका इस्तेमाल जेल बनाने और फालतू के कामो के लिए करती है.
बिहार में एक तरफ जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ रही है, दूसरी तरफ ये सवाल भी उठ रहे हैं कि तमाम कोशिशो के बावजूद सरकार अवैध शराब के धंधे को क्यों रोक नहीं पा रही है ?
सुधाकर सिंह ने नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी संरक्षण में शराब का अवैध कारोबार चल रहा है.
विधानसभा के चल रहे सत्र में आज दिनभर इस मामले पर हंगामा होता रहा.सीएम नीतीश कुमार इस मामले पर सवाल पूछे जाने पर आग बबूला होते नजर आये लेकिन जिस तरह से मृतकों की संख्या बढ़ रही है ,उसे देखते हुए ये लग रहा है कि नीतीश सरकार के लिए इसे संभालना आसान नहीं होगा
बिहार में शराबबंदी पर उखड़े आरजेडी नेता सुधाकर सिंह. कहा-शराबबंदी करना मानसिक दिवालियापन है#bihar #Chapra pic.twitter.com/oOfp6So3OH
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) December 14, 2022