RBI New Scheme: आरबीआई द्वारा रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (RDG) अकाउंट के माध्यम से निवेशक सरकारी बॉन्ड खरीद सकते हैं. ये बॉन्ड सरकारी सिक्योरिटी G-Sec होते हैं और गोल्ड बॉन्ड की कीमतें सोने की कीमतों के साथ जुड़ी होती हैं. निवेशक इन बॉन्ड को मैच्योरिटी तक जमा रख सकते हैं और समय-समय पर ब्याज कमा सकते हैं, और चाहें तो मैच्योरिटी से पहले बॉन्ड को बेच भी सकते हैं. ये बॉन्ड केंद्र और राज्य सरकारें जारी करती हैं, जिससे इनकी ज्यादा सुरक्षा बनी रहती है.
इसके अलावा, आरबीआई गवर्नर ने घोषणा की है कि रिटेल डायरेक्ट मोबाइल ऐप के माध्यम से निवेशक सरकारी बॉन्ड और GILT इन्वेस्ट के लिए अपने अकाउंट खोल सकेंगे. यह सुविधा निवेशकों को अधिक सुविधा प्रदान करेगी और उन्हें निवेश करने में ज्यादा आसानी होगी.
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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह जानकारी दी कि बैंक द्वारा अब रिटेल डायरेक्ट मोबाइल ऐप के माध्यम से सरकारी बॉन्ड खरीदा जा सकेगा. इसके साथ ही, निवेशकों को गिल्ट इन्वेस्ट के लिए भी मोबाइल ऐप के माध्यम से बॉन्ड खरीदने का अवसर मिलेगा.
- निवेशकों को बैंक में खाता होना आवश्यक होगा, जिसमें पैन नंबर का होना भी अनिवार्य होगा. उन्हें किसी वैध दस्तावेज की भी आवश्यकता होगी, जैसे कि ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, या मतदाता पहचान पत्र. इसके अलावा, निवेशकों को नेट बैंकिंग या यूपीआई से पेमेंट करने का विकल्प भी उपलब्ध होगा.
- यह बॉन्ड निवेश करने पर किसी भी प्रकार का टैक्स छूट उपलब्ध नहीं होगी. इसमें म्यूचुअल फंड के माध्यम से बॉन्ड खरीदने पर अधिक टैक्स भी लग सकता है. इसके साथ ही, जब तक निवेशक बॉन्ड को रिडीम नहीं करता, उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
- आरबीआई के इस प्रक्रिया के जरिए निवेशक बोहत अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक का बॉन्ड खरीद सकते हैं. उन्हें लघु निवेशकों के लिए 10,000 रुपये की सीमा पर न्यूनतम बॉन्ड खरीदने का अवसर भी मिलेगा. इस बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले भी बेचा जा सकता है.
- सरकारी बॉन्ड को अत्यंत सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि इसमें सरकार की गारंटी होती है. कंपनी की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने पर उसके बॉन्ड को सुरक्षा के लिहाज से अच्छा नहीं माना जाता है.