दिल्ली : रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने लोन लेने वालो के हित की रक्षा के लिए बड़ा कदम उठाया है. Reserve Bank of India (RBI) को लेंडिंग सर्विस प्रोवाइडर्स के लोन प्रोडक्ट्स के लिए ड्राफ्ट रेगुलेटरी फ्रेमवर्क जारी किया गया है. बैंक रेगुलेटर का मानना है कि इस कदम से लोन लेने वालों के बीच पारदर्शिता बढ़ेगी. RBI की एक रिलीज़ के मुताबिक, इस फ्रेमवर्क का मोटिव क्रेडिट इंटरमीडिएशन प्रोसेस में ग्राहक को ध्यान में रखते हुआ पारदर्शिता को बढ़ावा देना है. लेंडिंग सर्विस प्रोवाइडर्स थर्ड पार्टी एंटिटीज हैं, जो क्रेडिट इंटरमीडिएशन एक्टिविटीज के लिए एक रेगुलेटेड फाइनेंसियल फर्म से एफिलिएटेड हैं.
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मौजूद लैंडिंग सर्विस प्रोवाइडर्स कई लेंडर्स से लोन ऑफर्स को इकट्ठा करते हैं. इससे लोन लेने के इच्छुक लोगों को अलग ऑफर्स के बीच तुलना करने के बाद एक बेहतर ऑफर चुनने का मौका मिल जाएगा. RBI ने नोट किया कि कई प्रोवाइडर्स लोन प्रोडक्ट्स के लिए एग्रीगेशन सर्विसेज प्रदान करते हैं. केंद्रीय बैंक ने कहा कि ‘ऐसे मामलो में जहां एक लैंडिंग सर्विस प्रोवाइडर्स का कई लेंडर्स के साथ संबंध हैं, वहां लोन लेने वाले को एक संभावित लेंडर की आइडेंटिटी पता होने की संभावना कम हैं.
ड्राफ्ट सर्कुलर के मुताबिक, रेग्युलेटेड एंटिटीज को यह सुनिश्चित करना होगा-
लेंडर्स सर्विस प्रोवाइडर्स लोन के इच्छुक लोगों को ऐप या वेबसाइट पर उपलब्ध सभी लोन ऑफर्स प्रदान करेगा. यह उन सभी इच्छुक लेंडर्स से किया जाएगा, जिनके साथ एलएसपी का संबंध है.
एलएसपी का लोन लेकर लेंडर्स की इच्छा का पता लगाने के लिए एक कंसिस्टेंट अप्रोच का पालन करना चाहिए और इसका खुलासा भी अपनी वेबसाइट पर करना चाहिए.
ऐप या वेबसाइट पर रेग्युलेटेड एंटिटीज का नाम होना चाहिए, जो लोन ऑफर, अमाउंट और लोन की अवधि और वार्षिक प्रतिशत दर के बारे में बताती है. यह अन्य सभी नियमों और शर्तों के साथ समर्थित होना चाहिए और इस तरह प्रस्तुत किया जाना चाहिए जिसमे लोन लेने वाले इच्छुक व्यक्ति को अलग-अलग लेंडर्स के बीच उचित तुलना करने में मदद मिले.
इसके अलावा हर एक रेग्युलेटेड एंटिटीज के संबंध में एक मुख्य फैक्ट स्टेटमेंट का लिंक प्रदान किया जाना चाहिए.