रामपुर: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद सपा नेता युसूफ मलिक (Yusuf Mailk) लगभग 1 साल बाद (374 दिन) के बाद रिहा कर दिये गया. युसूफ मलिक बुधवार को देर रात जेल से रिहा हुए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रामपुर की कोर्ट से उनकी रिहाई का परवाना जिला कारागार में भेजा, जिसके बाद युसूफ मलिक(Yusuf Mailk) को रिहा किया गया. रिहा होने के बाद युसूफ मलिक (Yusuf Mailk) समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान से मिलने उनके घर पहुंचे. आज़म खान के लिए ये ख़बर और मुलाकात लंबे समय बात मिली खुशखबरी की तरह थी.
युसूफ मलिक पर जानलेवा हमला धमकी और मारपीट का था आरोप
मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी का नेता युसूफ मलिक (Yusuf Mailk) के खिलाफ 2019 में थाना अजीम नगर में किसान पर जानलेवा हमला,धमकी देने और बंधक बनाने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज हुई थी. इसके अलावा युसूफ मलिक (Yusuf Mailk) पर मुरादाबाद में 26 मार्च 2022 को हाउस टैक्स वसूलने गए अधिकारियों को धमकाने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में पुलिस ने यूसुफ मलिक के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की थी. कार्रवाई के दौरान यूसूफ मलिक की संपत्ति ज़ब्त कर ली गई थी, साथ ही 25 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था.
युसूफ मलिक ने किया था आत्मसमर्पण
मुकदमा दर्ज होने के बाद युसूफ मलिक ने 4 अप्रैल 2022 को रामपुर की सीजीएम अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था और अपने वकील के जरिये जमानत के लिए याचिका लगाई थी. युसूफ मलिक की याचिका पर सेशन कोर्ट से जमानत मंजूर कर दी गई थी, लेकिन रिहाई नहीं हो पाई थी. पीड़ित ने जब इस मामले में हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया तो सुनवाई की तारीख ही नहीं मिल रही थी. जिसके बाद मलिक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
हाउस टैक्स अधिकारियों को धमकाने के मामले में लगा था NSA
सेशन कोर्ट से जमानत मिलने के दौरान ही मुरादाबाद में युसूफ मलिक पर रासुका के तहत कार्यवाही की गई . युसूफ मलिक ने रासुका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में राज्य सरकार की ओर से लगाई गई रासुका की कार्रवाई को निरस्त करते हुए तत्काल रिहा करने के आदेश दिए थे. शीर्ष अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार को ‘दिमाग का इस्तेमाल न करने’ और न्यायाधिकार का ‘अनुचित इस्तेमाल’ करने को लेकर फटकार भी लगाई है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद रामपुर की कोर्ट से उनकी रिहाई का परवाना जिला कारागार भेज दिया गया था जिसमें औपचारिकताओं को पूरा करने में समय लगा और बुधवार की रात 11:00 बजे के बाद रिहाई संभव हो पाई.
सुप्रीम कोर्ट से मिला इंसाफ – यूसूफ मलिक
रिहाई के बाद युसूफ मलिक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है और जो कार्रवाई हुई वो बिल्कुल नाजायज थी. हमारे उफर झूठे मुकदमें लगाये गये. मेरे पास जो संपतित है वो पुश्तैनी है. मुझपर और मेरे परिवार पर जो मुकदमे हुए हैं सारे झूठे हैं उसी का ही नतीजा है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया और मुझे इंसाफ दिया.
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