Friday, October 18, 2024

Rashtrapati Bhawan में दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ के नाम में हुआ बदलाव, यहां जानें नए नाम

नई दिल्ली। राष्ट्रपति भवन,Rashtrapati Bhawan जो भारत के राष्ट्रपति का कार्यालय एवं निवास है, राष्ट्र का प्रतीक और लोगों की एक अमूल्य विरासत है। राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉलों – ‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ का नाम बदलकर क्रमशः ‘गणतंत्र मंडप’ और ‘अशोक मंडप’ कर दिया है।

Rashtrapati Bhawan में है दरबार हॉल

‘दरबार हॉल’ राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने जैसे महत्वपूर्ण समारोहों एवं उत्सवों का स्थल है। ‘दरबार’ शब्द का आशय भारतीय शासकों व अंग्रेजों के दरबार एवं सभाओं से है। भारत के गणतंत्र बनने के बाद इसकी प्रासंगिकता समाप्त हो गई। ‘गणतंत्र’ की अवधारणा प्राचीन काल से भारतीय समाज में गहराई से निहित है, इसलिए इस आयोजन स्थल के लिए ‘गणतंत्र मंडप’ एक उपयुक्त नाम है।

अशोक हॉल बना अशोक मंडप

‘अशोक हॉल’ मूलतः एक बॉलरूम था। ‘अशोक’ शब्द का आशय एक ऐसे व्यक्ति से है जो “सभी कष्टों से मुक्त” या “किसी भी दुःख से रहित” हो। इसके अलावा, ‘अशोक’ का आशय एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के प्रतीक सम्राट अशोक से है। भारत गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ के अशोक का सिंह शिखर है। यह शब्द अशोक वृक्ष को भी संदर्भित करता है जिसका भारतीय धार्मिक परंपराओं के साथ-साथ कला और संस्कृति में भी गहरा महत्व है। ‘अशोक हॉल’ का नाम बदलकर ‘अशोक मंडप’ करने से भाषा में एकरूपता आती है और ‘अशोक’ शब्द से जुड़े प्रमुख मूल्यों को बरकरार रखते हुए अंग्रेजीकरण के निशान मिट जाते हैं।

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