छपरा : अगर किस्मत खराब हो तो बना बनाया काम बिगड़ जाता है.कुछ ऐसा ही हुआ छपरा की मेयर राखी गुप्ता Rakhi Gupta के साथ. बच्चों के चक्कर में उन्हें अपनी मेयर की कुर्सी गंवानी पड़ी. नॉमिनेशन फॉर्म में गलत जानकारी देने के आरोप में राज्य निर्वाचन आयोग ने मेयर राखी गुप्ता Rakhi Gupta को बर्खास्त कर दिया है.
Rakhi Gupta ने दिया गलत हलफनामा
दरअसल सितंबर 2022 में निकाय चुनाव के उम्मीदवारी के लिए नए नियम तय किए गए थे. इस नियम के मुताबिक दो से अधिक बच्चों वाले माता-पिता निकाय चुनाव में उम्मीदवार नहीं हो सकते थे. ना ही वो प्रस्तावक या समर्थक बन सकते थे. राखी गुप्ता Rakhi Gupta के तीन बच्चे थे लेकिन चुनाव लड़ने के लिए भरे जाने वाले नॉमिनेशन फॉर्म में उन्होंने दो ही बच्चों का हलफनामा दिया. क्योंकि तीन बच्चे वाले उम्मीदवार नहीं बन सकते थे इसलिए राखी गुप्ता ने नॉमिनेशन फॉर्म में बताया कि उनके दो ही बच्चे हैं. पूर्व मेयर सुनीता गुप्ता ने इसकी शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग से कर दी गई. राज्य निर्वाचन आयोग ने सुनीता गुप्ता की शिकायत की जांच की और आरोप को सही पाया. इसके बाद कार्रवाई करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने राखी गुप्ता को बर्खास्त कर दिया.
पूर्व मेयर की थी शिकायत
राखी गुप्ता मॉडल भी रह चुकी हैं.2022 के निकाय चुनाव में उन्होंने अपनी किस्मत आजमाई और जीत गई. उन्हें छपरा का मेयर बनाया गया लेकिन पूर्व मेयर सुनीता गुप्ता ने राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत कर दी कि राखी के तीन बच्चे हैं इस लिहाज से तो वो चुनाव लड़ ही नहीं सकती. लिहाजा उनका निर्वाचन रद्द किया जाय. राज्य निर्वाचन आयोग ने शिकायत की जांच की और फिर राखी गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई कर दी.
कानून पर भरोसा है
इस मुद्दे पर राखी गुप्ता का कहना है कि उनका मामला हाइकोर्ट में लंबित है लेकिन हाइकोर्ट का फैसला आने से पहले ही राज्य निर्वाचन आयोग ने अपना फैसला सुना दिया. इसकी शिकायत वो हाइकोर्ट से करेंगी. उन्होंने कहा कि देश के कानून पर उन्हें भरोसा है और उन्हें उम्मीद है कि न्याय जरूर मिलेगा.