Rajya Sabha cash case: शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने राज्यसभा में पार्टी के सहयोगी अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित सीट से करेंसी नोटों की बरामदगी को भारतीय जनता पार्टी द्वारा जनता का ध्यान भटकाने और संसद में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा को रोकने की ‘ध्यान भटकाने वाली रणनीति’ करार दिया.
“यह ध्यान भटकाने की रणनीति है”- जयराम रमेश
एएनआई ने जयराम रमेश के हवाले से कहा, “यह हमारे द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों से ध्यान हटाने की एक चाल है. हमने किसानों का मुद्दा उठाया है और खुद चेयरमैन ने भी उस मुद्दे को उठाया है. कई अन्य मुद्दे भी हैं, जैसे ‘मोदानी’ (मोदी-अडानी) घोटाला जिस पर हम बहस करना चाहते हैं. इसलिए इन सभी मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए उन्होंने नए मुद्दे उठाए हैं.”
Rajya Sabha cash case: बीजेपी नारेबाज़ी कर सदन चलने नहीं दे रही-जयराम रमेश
कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा नारे लगाकर संसद की कार्यवाही को बाधित करने और चर्चा को रोकने का प्रयास कर रही है. रमेश ने कहा, “मैं पहली बार देख रहा हूं कि संसद में अचानक भाजपा नारे लगाने के लिए इतनी उत्सुक कैसे हो गई है. आमतौर पर नारे हम ही लगाते हैं, लेकिन अब वे ऐसा कर रहे हैं. वे संसद के शीतकालीन सत्र को रोकना चाहते हैं और यही उनकी योजना है.”
उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा नोटों की उत्पत्ति की जांच के आह्वान का समर्थन करते हुए कहा कि जांच के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी. कांग्रेस सांसद ने कहा, “केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कहा है कि उचित जांच होनी चाहिए, हां होनी चाहिए. किसी भी एजेंसी को इसकी जांच करनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.”
जगदीप धनखड़ ने क्या कहा
जगदीप धनखड़ ने कहा, “मैं सदस्यों को सूचित करना चाहता हूं कि कल सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद नियमित तोड़फोड़ विरोधी जांच के दौरान, सुरक्षा अधिकारियों ने सीट नंबर 222 से नोटों की एक गड्डी बरामद की, जो वर्तमान में तेलंगाना राज्य से निर्वाचित अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित है. मामला मेरे संज्ञान में लाया गया, और मैंने सुनिश्चित किया कि जांच हो और यह चल रही है.”
अभिषेक मनु सिंघवीं ने क्या सफाई दी
पत्रकारों से बात करते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने गुरुवार को संसद में अपनी संक्षिप्त उपस्थिति के बारे में विस्तार से बताया. कांग्रेस सांसद ने कहा, “मैं इसके बारे में सुनकर भी काफी हैरान हूं. मैंने इसके बारे में कभी नहीं सुना था. मैं कल दोपहर 12.57 बजे सदन के अंदर पहुंचा. सदन दोपहर 1 बजे उठा. 1 से 1:30 बजे तक मैं अयोध्या प्रसाद के साथ कैंटीन में बैठा और लंच किया. दोपहर 1:30 बजे मैं संसद से चला गया. इस तरह कल सदन में मेरा कुल ठहराव 3 मिनट का था और कैंटीन में मेरा ठहराव 30 मिनट का था.”
अभिषेक सिंघवी ने कहा, “मुझे यह अजीब लगता है कि ऐसे मुद्दों पर भी राजनीति की जाती है. बेशक, इस बात की जांच होनी चाहिए कि लोग कैसे आ सकते हैं और किसी भी सीट पर कुछ भी रख सकते हैं. इसका मतलब है कि हममें से हर किसी के पास एक सीट होनी चाहिए जहाँ सीट को खुद ही लॉक किया जा सके और चाबी सांसद अपने घर ले जा सकें क्योंकि फिर हर कोई सीट पर कुछ भी कर सकता है और इस बारे में आरोप लगा सकता है. अगर यह दुखद और गंभीर नहीं होता तो यह हास्यास्पद होता. मुझे लगता है कि इस मामले की तह तक पहुँचने में सभी को सहयोग करना चाहिए और अगर सुरक्षा एजेंसियों में कोई कमी है तो उसे भी पूरी तरह से उजागर किया जाना चाहिए,”
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