राजस्थान में कांग्रेस का सियासी संकट हर पल नई करवट ले रहा है.पहले अशोक गहलौत दिल्ली जाने के लिए राजी नहीं हुए औऱ जब सीएम गहलौत आखिरकार दिल्ली के लिए राजी हो गये तो अब सचिन पायलट का पेंच पंस गया है.
रविवार शाम से राजस्थान कांग्रेस में थ्रिलर और सस्पेंस चल रहा है.रविवार दोपहर तक माना जा रहा था कि अशोक गहलौत दिल्ली जायेंगे तो राजस्थान की कुर्सी लंबे समय से इंतजार कर रहे सचिन पायलट को मिल जायेगी लेकिन रविवार शाम कुछ ऐसा हुआ कि सारा मामला उलट गया. कांग्रेस विधयाक दल के नेताओं ने सचिन पायलट को अपना नेता मानने से इंकार कर दिया. रविवार दोपहर से की कांग्रेस नेताओं के अलग सुर सुनने को मिलने लगे थे. कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने खुले तौर पर कहा कि अशोक गहलौत के दिल्ली जाने पर 102 विधायकों मे से कोई भी सीएम बन सकता है. कांग्रेस के विधायकों ने विधायक दल की बैठक के दौरान ये साबित भी कर दिया. कांग्रेसी विधायकों ने बगावती तेवर दिखाते हुए सचिन पायलट की उम्मीदों की उड़ान को टेकऑफ से पहले ही क्रैश कर दिया.
यहां तक की सीएम अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले विधायक अपना इस्तीफा लेकर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के पास पहुंच गए.विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि विधायक गलहौत से नाराज हैं कि उन्होंने बिना विधायकों से सलाह लिए दिल्ली जाने का फैसला कैसे कर लिया.नाराज विधायकों की तरफ से मोर्चा प्रताप सिंह खाचरियावास ने संभाला है. इस बीच कांग्रेस पार्टी के पर्यवेक्षक अजय माकन ने कहा है कि आज रात सभी विधायकों से एक एक कर बात की जायेगी.अजय माकन ने बताया कि अभी कोई दिल्ली नहीं जा रहा है.कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष की तरफ से उन्हें निर्देश दिया गया है कि सभी विधायकों को आमने सामने बिठाकर बात की जाये…
राज्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और शांति धारीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर AICC पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की .इस बीच कांग्रेस के नाराज विधायक जो इस्तीफा देने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के पास पहुंचे थे वे मुलाकात के बाद वहां से निकल चुके हैं.
कयास लगाये जा रहे है कि नाराज विधायक आलाकमान के निर्देश के बाद शांति से मुद्दे को सुलझा लेगें