राजस्थान की लड़ाई अब दिल्ली तक आ पहुंची है. सचिन पायलट मुख्यमंत्री होंगे या फिर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार जाने के साथ-साथ पार्टी भी दो फाड़ हो जाएगी इसको लेकर कयासों के दौर जारी है. इस बीच पर्यवेक्षक बन रास्थान गए कांग्रेस महासचिव अजय माकन और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट देने उनके आवास गए. इससे पहले AICC महासचिव केसी वेणुगोपाल भी दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर पहुंचे.
खबर ये भी है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ को कांग्रेस आलाकमान ने तुरंत दिल्ली पहुंचने के लिए कहा है. संभावना जताई जा रही है कि उन्हें राजस्थान कांग्रेस संकट में उनके मध्यस्थता करने बुलाया गया है.
102 विधायकों की बगावत की ख़बर में कितना है दम?
रविवार से ख़बर चल रही है कि कांग्रेस के 102 विधायक सचिन पयलट के खिलाफ है. ये किसी कीमत पर अशोक गहलोत के दिल्ली जाने और सचिन की ताजपोशी को मानने तैयार नहीं है. इसी बीच ये भी कहा जाने लगा कि इनमें से 80 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया है. वैसे अब समाचार एजेंसी एएनआई ने एक ट्वीट कीया है जिसमें कांग्रेस एमएलए गंगा देवी इस्तीफा देने की बात को गलत बता रही हैं. गंगा देवी का कहना है कि “चिट्ठी के विषय में मुझे कोई जानकारी नहीं है मैं वहां देर से पहुंची थी. मैंने चिट्ठी नहीं पढ़ी थी, मैंने इस्तीफा नहीं दिया, आलाकमान जो फैसला करेंगे हम उसके साथ हैं. पर्यवेक्षक से हमारी मिलने की बात थी लेकिन हम नहीं जा सके.”
#WATCH चिट्ठी के विषय में मुझे कोई जानकारी नहीं है मैं वहां देर से पहुंची थी। मैंने चिट्ठी नहीं पढ़ी थी, मैंने इस्तीफा नहीं दिया, आलाकमान जो फैसला करेंगे हम उसके साथ हैं। पर्यवेक्षक से हमारी मिलने की बात थी लेकिन हम नहीं जा सके: गंगा देवी, कांग्रेस MLA#RajasthanPoliticalCrisis pic.twitter.com/3aWr88pRHl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 26, 2022
रविवार को क्या हुआ था?
रविवार शाम से राजस्थान कांग्रेस में थ्रिलर और सस्पेंस चल रहा है. रविवार दोपहर तक माना जा रहा था कि अशोक गहलोत दिल्ली जायेंगे तो राजस्थान की कुर्सी लंबे समय से इंतजार कर रहे सचिन पायलट को मिल जायेगी लेकिन रविवार शाम कुछ ऐसा हुआ कि सारा मामला उलट गया. कांग्रेस विधयाक दल के नेताओं ने सचिन पायलट को अपना नेता मानने से इनकार कर दिया. रविवार दोपहर से की कांग्रेस नेताओं के अलग सुर सुनने को मिलने लगे थे. कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने खुले तौर पर कहा कि अशोक गहलोत के दिल्ली जाने पर 102 विधायकों में से कोई भी सीएम बन सकता है. कांग्रेस के विधायकों ने विधायक दल की बैठक के दौरान ये साबित भी कर दिया. कांग्रेसी विधायकों ने बगावती तेवर दिखाते हुए सचिन पायलट की उम्मीदों की उड़ान को टेकऑफ से पहले ही क्रैश कर दिया.
यहां तक की सीएम अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले विधायक अपना इस्तीफा लेकर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के पास पहुंच गए. विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि विधायक गलहोत से नाराज हैं कि उन्होंने बिना विधायकों से सलाह लिए दिल्ली जाने का फैसला कैसे कर लिया. नाराज विधायकों की तरफ से मोर्चा प्रताप सिंह खाचरियावास ने संभाला है. इस बीच कांग्रेस पार्टी के पर्यवेक्षक अजय माकन ने कहा है कि रात सभी विधायकों से एक एक कर बात की जायेगी. अजय माकन ने बताया कि अभी कोई दिल्ली नहीं जा रहा है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष की तरफ से उन्हें निर्देश दिया गया है कि सभी विधायकों को आमने-सामने बिठाकर बात करें.
राज्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और शांति धारीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर AICC पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की. इस बीच कांग्रेस के नाराज विधायक जो इस्तीफा देने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के पास पहुंचे.
कयास लगाये जा रहे है कि नाराज विधायक आलाकमान के निर्देश के बाद शांति से मुद्दे को सुलझा लेंगे.
सचिन पायलट के लिए बीजेपी के दरवाज़े खुले- सतीश पूनिया
कांग्रेस में मचे घमासान पर बीजेपी भी नज़र बनाए हुए है. BJP प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि सचिन पायलट के लिए बीजेपी के दरवाजे बंद नहीं है. जैसे हालात होंगे बीजेपी आलाकमान वैसा फैसला लेगा उन्होंने कहा “इससे पहले भी वे(विधायक) 50 दिन बाड़े में बंद रहे हैं. मुख्यमंत्री(बनने) के लिए जो महत्वाकांक्षा रही, उससे कांग्रेस बेनकाब हुई है. अशोक गहलोत ने ऐसी सरकार छोड़ी है जिसे देवता भी ऐसी परिस्थितियों को बदल नहीं पाएंगे”
इसके साथ ही राजस्थान विधानसभा के उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने कहा कि राजस्थान कांग्रेस के बीच मचा घमासान प्रदेश सरकार की अस्थिरता दिखाता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की इस सरकार का जन्म ही अंतर कलह से हुआ था. वो अंतर कलह अभी भी जारी है. उन्होंने कांग्रेस को विधायकों को बहादुर बताते हुए कहा कि पहली बार है जब विधायकों ने अपने हाईकमान को ललकारा है. उन्होंने कहा ” जब पूरे मंत्री मंडल ने त्यागपत्र दे ही दिया है, तो अकेले मुख्यमंत्री क्या करेंगे. अगर उनमें हिम्मत है तो ऐसे समय में मुख्यमंत्री को मंत्री मंडल की आपात बैठक बुलाकर सदन को भंग करने की सिफारिश करनी चाहिए”
उधर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी राजस्थान के हालात पर टिप्पड़ी की है. उन्होंने कहा “ ‘भारत जोड़ो’ में मनोरंजन कम हुआ अब राजस्थान में भी शुरू हो गया है. राज्य में सरकार नाम की कोई चीज़ नहीं है. कांग्रेस सिर्फ सत्ता का सुख भोगना चाहती हैं, जनता की सेवा नहीं करना चाहती… कांग्रेस में न दिशा है न नेता है”