रायपुर: छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय यानी कि (ईडी) की टीम के लौटने के बाद भिलाई विधायक देवेंद्र यादव ने अपने रायपुर आवास पर मीडिया से चर्चा में कहा कि रेड के दौरान अधिकारी फोन पर गाइड हो रहे थे. यह छापा पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है. मेरे घर की तलाशी लिए, मेरी आय के स्रोत के बारे में पूछे, लेकिन उनको कुछ नहीं मिला. देवेंद्र यादव ने बताया कि 17 घंटे की जांच के दौरान ईडी के अधिकारी पूरा समय किसी से फोन पर बात कर रहे थे.
पूरी कहानी
देवेंद्र ने ईडी के पहुंचने की पूरी कहानी बताई. उन्होंने बताया कि 19 फरवरी को मेरा जन्मदिन था. देर रात तक समर्थक उनके आवास पर मौजूद थे. सुबह 7.30 बजे मेरी मां ने मुझे जगाया कि कुछ पुलिस वाले आए हैं. अधिकारियों ने पहले मुझे बी-लेटेड हैप्पी बर्थडे बोला और फिर बताया कि हम ईडी से आए हैं. जांच के दौरान उनका व्यवहार बिल्कुल अच्छा नहीं था. ईडी के अधिकारी दस्तावेजों पर सवाल करते हैं. व्यक्तिगत बातों को जानना चाहते हैं. मुझसे उन्होंने मेरी आय के साधन के बारे में भी पूछा. देवेंद्र ने कहा कि उनके पास आज भी कोई संपत्ति नहीं है, जिसे जो जांच करना है कर ले.
देवेंद्र यादव के आरोप
देवेंद्र यादव ने रेड पर जानकारी देते हुए कहा कि अधिकारी उनके घर की फोटो और दस्तावेजोें की फोटो भी भेज रहे थे. ईडी के अधिकारियों ने काफी डराने का प्रयास किया, लेकिन हम डरे नहीं. सोमवार शाम को जब मेरे समर्थक घर के सामने जुटे और नारेबाजी करने लगे, तब ईडी के अधिकारियों ने उनको गोली मारने की धमकी दी. बीजेपी बंदूक के दम पर कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देख रही है.
सभी रेड राजनीति से प्रेरित है
देवेंद्र यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि कि बीजेपी सरकार ईडी के अधिकारियों का दुरुपयोग कर रही है. अब उनकी सच्चाई जनता के सामने आ चुकी है. यह सब किसी को परेशान करने की नियत से किया जा रहा है. बीजेपी को इस बात से तकलीफ है कि भूपेश सरकार जनता के बीच इतनी लोकप्रिय क्यों है. ईडी ने जो कार्रवाई की है, वह राजनीति से प्रेरित है.
यह सब सिर्फ चुनाव के लिए किया जा रहा है
इनका टार्गेट है कि कांग्रेस की फर्स्ट लाइन और सेकेंड लाइन की लीडरशिप को परेशान कर इन्हे तोड़ा और डराया जाए. ईडी केवल इलेक्शन मोड पर काम कर रही है. जिस दिन प्रदेश में हम वापस सरकार में आएंगे, वो अपने आप शांत हो जाएंगे. देवेेंद्र ने कहा कि ईडी का फंडा है कि कांग्रेस नेताओें को डराओ, जो डरकर बीजेपी में आ गया, वह सफेदपोश हो जा रहा है.
यहाँ सवाल ये है कि क्या सच में देवेंद्र यादव के बयानों में कुछ दम है ? क्या सच में बीजेपी ED का दुउपयोगा कर रही है.