Monday, December 23, 2024

Rahul Meet Varun Gandhi: केदारनाथ में हुई दोनों भाइयों की मुलाकात, वरुण की बेटी से मिल खुश नज़र आए राहुल गांधी

Kedarnath, कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi पांच राज्यों में चुनावी सरगर्मियों के बीच 3 दिन की यात्रा पर रविवार को उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर पहुंचे. राहुल यहां हिमालय के भौगोलिक और आध्यात्मिक महत्व के बारे में जानने आए है. कांग्रेस ने राहुल गांधी की इस यात्रा को निजी आध्यात्मिक यात्रा बताया था. लेकिन अब खबर है कि राहुल गांधी ने यहां अपने चचेरे भाई वरुण गांधी से मुलाकात की है.

Kedaranath
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राहुल-वरुण की मुलाकात का क्या है मतलब

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और बीजेपी सांसद वरुण गांधी की केदारनाथ में मुलाकात हुई है. दोनों भाइयों की मुलाकात को लेकर अब राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. कुछ लोग इसे 2024 के चुनाव से जोड़कर देख रहे है तो कुछ इसे एक संयोग बता रहा है.

वरुण की बेटी अनुसूइया से मिल खुश हुए राहुल गांधी

मंगलवार को केदारनाथ मंदिर में दर्शन के दौरान दोनों के बीच मुलाकात हुई है. इस दौरान दोनों ने कुछ देर तक एक दूसरे से बातचीत भी की. आम तौर पर राहुल और वरुण बहुत ही कम सार्वजनिक रूप से मिलते हैं. ये भाइयों का मिलाप भी बेहद नाटकीय अंदाज में हुआ. राहुल जब केदारनाथ से निकल कर हेलीपैड की ओर बढ़ रहे थे. तभी उनकी नजर बीकेटीसी के वेटिंग रूम के बाहर खड़े वरुण गांधी पर पड़ी. पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी भी केदारनाथ में अपनी पत्नी और बेटी के साथ पहुंचे थे. लेकिन इन दोनों नेताओं के बीच की ये मुलाकात कुछ सेकेंड ही चली. हलांकि दोनों भाई काफी गर्मजोशी से मिले. राहुल गांधी सबसे ज्यादा खुश वरुण की बेटी अनुसूइया से मिलकर नज़र आए.

दोनों भाइयों के रिश्तों में खटास की चर्चा हमेशा रही है

वरुण गांधी राहुल गांधी से 10 साल छोटे हैं. 2011 में वरुण गांधी की शादी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल नहीं हुए थे.

इतना ही नहीं इस साल की शुरुआत में जब राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा कर रहे थे तो उनसे वरुण गांधी के बारे में पूछा गया था कि क्या भारत जोड़ो पदयात्रा में वरुण गांधी का स्वागत है. उस वक्त उन्होंने कहा था कि वह अपने चचेरे भाई से प्यार से मिल सकते हैं और गले लगा सकते हैं लेकिन विचारधाराएं मेल नहीं खातीं. “वरुण गांधी बीजेपी में हैं. अगर वह यहां आते हैं, तो यह उनके लिए समस्या हो सकती है. मेरी विचारधारा उनकी विचारधारा से मेल नहीं खाती है. मैं कभी भी आरएसएस कार्यालय नहीं जा सकता, इसके लिए पहले आपको मेरा सिर कलम करना होगा.” मेरे परिवार की एक विचारधारा है, एक विचार प्रणाली है. वरुण ने एक बार उस विचारधारा को अपनाया था, शायद अब भी अपनाते हैं. उन्होंने उस विचारधारा को आत्मसात कर लिया. मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता.”

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