Friday, April 11, 2025

राहुल गांधी का बिहार दौरा: 4 महीने में तीसरी बार क्यों गए बिहार, क्या है इसकी सियासी वजह?

बिहार में कांग्रेस पार्टी में नई ऊर्जा है. पार्टी की तरफ से हर रोज कोई न कोई निर्णय लिया जा रहा है. वे निर्णय सुर्खियां बन रही हैं. इसमें राहुल गांधी की विशेष सक्रियता दिख रही है. ऐसे में बिहार की राजनीति में यह सवाल मौजूं हो गया है कि आखिर राहुल गांधी के मन में क्या चल रहा है? क्या राहुल गांधी बिहार में कुछ अलग करने की सोच रहे हैं?

दरअसल राहुल गांधी आगामी सात अप्रैल को बिहार के दौरे पर आ रहे हैं. पिछले चार माह में यह तीसरा मौका होगा, जब राहुल गांधी बिहार के दौरे पर आएंगे. इससे पहले वह 18 जनवरी तथा चार फरवरी को पटना में आ चुके हैं. इस बार राहुल गांधी सात अप्रैल को फिर पटना आ रहे हैं. राहुल का इस बार का पटना दौरे को भी पार्टी की तरफ से संविधान सुरक्षा दिवस का नाम दिया गया है.

सभी जिला अध्यक्षों से मुलाकात

राहुल गांधी द्वारा पार्टी स्तर पर किए जाने वाले कार्यों और उठाये गए कदमों में सबसे अहम कदम कांग्रेस पार्टी के बिहार राज्य के सभी जिला अध्यक्षों के साथ राजधानी नयी दिल्ली में हुई मुलाकात है. दरअसल हाल के कुछ सालों में यह पहला मौका है, जब राहुल गांधी ने पार्टी के जिला अध्यक्षों से दिल्ली में मुलाकात करने की योजना बनायी. राहुल गांधी के इस कदम से पार्टी के अंदर काफी जोश भी है. सबसे अहम यह कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से राज्य के सभी जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा चंद रोज पहले ही की गयी थी.

नहीं बनी थी कांग्रेस की कार्यसमिति

दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह के बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रहते हुए प्रदेश में किसी भी प्रकार की समिति का गठन नहीं हो सका था. विधायक राजेश कुमार के नये प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद जिले के अध्यक्षों की भी नियुक्ति की गयी. इसके अलावा स्क्रीनिंग कमेटी का भी गठन किया गया.

कांग्रेस की दलितों और पिछड़ों पर नजर

राहुल गांधी के आगामी प्रस्तावित बिहार दौरे में जिन बिंदुओं को केंद्र में रखा गया है, उससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की नजर बिहार में दलितों के साथ महादलित और अति पिछडों पर है. कांग्रेस पार्टी महादलित वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित कर के जीतन राम मांझी, चिराग पासवान तथा पशुपति पारस को संदेश देना चाहती है, जबकि अति पिछडों पर ध्यान केंद्रित कर के वह सीएम नीतीश कुमार को संदेश देने की कोशिश कर रही है.

एक आंकलन के अनुसार बिहार में दलित और महादलित की आबादी लगभग 14 प्रतिशत के करीब है. वहीं अगर अति पिछड़ों की बात करें तो हाल ही में बिहार सरकार की तरफ से कराये गये जातीय सर्वे के अनुसार राज्य में अति पिछडों की आबादी लगभग 36 प्रतिशत है.

2025 में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने का टारगेट

कांग्रेस के प्रवक्ता ज्ञान रंजन कहते हैं कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने एक फैसला लिया था कि 2025 में कांग्रेस संगठन सृजन का काम करेगी. इस फैसले के तहत देश के हर राज्य के जिला अध्यक्ष से मीटिंग हो रही है. इसी सिलसिले में आज बिहार के जिला अध्यक्षों के साथ राहुल गांधी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस पार्टी के अन्य सीनियर लीडर के साथ मीटिंग होगी, जिसमें यह बताया जाएगा कि संगठन को कैसे मजबूत करना है? कैसे बूथ स्तर तक संगठन को लेकर के जाना है और किस तरीके से सामाजिक समीकरणों, स्थानीय मुद्दों को देखते हुए उन मुद्दे पर काम करके संगठन को मजबूत बनाना है.

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