कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘मोदी उपनाम’ को लेकर की गई टिप्पणी मामले में सुरत कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया गया है. कोर्ट ने इस मामले में राहुल को 2 साल की सज़ा सुनाई. हलांकि इसके साथ ही उन्हें जमानत भी दे दी गई है.
गौरतलब है कि राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत दोषी पाया गया है. इस धारा के तहत अधिकतम सजा दो साल की हो सकती थी.
हालांकि समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबित, राहुल गांधी के वकील ने कहा कि कोर्ट ने इस मामले में राहुल को अपील के अधिकार की अनुमति देते हुए दो साल की सजा को घटाकर 30 दिन कर दिया है और जमानत दे दी है. अब देखना ये है कि क्या राहुल गांधी की सदस्ता इस मामले में चली जाएगी.
गुजरात की सूरत सेशन कोर्ट ने सुनाया फैसला
गुरुवार सुबह राहुल गांधी दिल्ली से सुरत पहुंचे थे. कोर्ट के फैसला सुनाते वक्त वो कोर्ट में मौजूद थे. ये मामला चार साल पुराना है. आपराधिक मानहानि के इस मामले में राहुल को 2 साल की सज़ा सुनाई गई है.
किसने दर्ज कराया था मामला
आपको बता दें अपराधिक मानहानी का ये मामला बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज कराया था. उनका आरोप था कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी ने एक रैली में कहा था कि “सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है?” शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि इससे पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया गया था.