Putin India “great power : विश्व पटल पर भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था की तारीफ अब आर्थिक महाशक्तियां भी करती नजर आ रही है. रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था की दिल खोलकर तारीफ की है. पुतिन ने भारत को एक आर्थिक महाशक्ति बताते हुए भारत की अर्थव्यवस्था, यहां की संस्कृति और भविष्य की संभावनाओं की जमकर तारीफ की है.
Russian President Putin calls India “great power” and “one of largest growing economies”
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— ANI Digital (@ani_digital) November 8, 2024
Putin India “great power : वल्दाई में रुस ने दिया बड़ा स्टेटमेंट
रुसी राष्ट्रपति ने वल्दाई डिसक्शन क्लब में बातचीत के दौरान भारत के आर्थिक विकास दर की सराहते हुए कहा कि रूस के भारत के संबंध ऐतिहासिक हैं. दोनों देशों का इतिहास आपस के विश्वास और सहयोग से जुड़ा हुआ है. भारत और रूस के बीच रक्षा से लेकर आर्थिक विकास तक लगभग हर क्षेत्र में सहयोग और अधिक प्रगाढ़ हुए है.
भारत अब वैश्विक महाशक्ति है – व्लादीमीर पुतिन, रुसी राष्ट्रपति
रुसी राष्ट्रपति ने दुनिया के पटल पर भारत के बढते प्रभुत्व का हवाला देते हुए कहा कि अब भारत का स्थान दुनिया की आर्थिक महाशक्तियों के बीच है. हाल के दिनों में रुस कई बार भारत के नेतृत्व और आर्थिक विकास की गति को लेकर तारीख कर चुका है. आलोचकों का मानना है भारत के रुस का ये रुख चीन को नागवार गुजर सकता है, क्योंकि पिछले तीन साल से यूक्रेन के साथ रुस के चल रहे युद्द के बीच चीन शांतिदूत बनने की कोशिश कर रहा है. चीन ने बाकायदा 12 प्वाइंट बनाये हैं जिसके तहत वो शांति वार्ता आगे बढ़ाना चाहता है, लेकिन इतनी कोशिशों के बावजूद चीन को सफलता नहीं मिल रही है.
वहीं रुस चाहता है कि अगर रुस और यूक्रेन के बीच मध्यस्ता हो तो वो भारत करे. पुतिन पहले भी कह चुके हैं कि यूक्रेन के साथ शांति की बातचीत में भारत बड़ी भूमिका निभा सकता है. चीन को परेशान करने वाली दूसरी वजह ये हो सकती है कि चीन दुनिया में सुपर पावर बनने के लिए पूरी ताकत लगा रहा है. वहीं भारत की कोशिश विश्वस्तर पर देशों को एक साथ लेकर चलने की है.ऐसे में रुसी राष्ट्रपति का भारत को महाशक्ति बताया जाना चीन को नागवार गुजर सकता है.
पाकिस्तान को भी लग सकती है मिर्ची
भारत और रुस के संबंध ऐतिहासिक और मधुर रहे हैं. रुस ने कभी भी भारत के खिलाफ कोई काम नहीं किया है.यहां तक कि 1971 के युद्ध के समय भी रुस ही था, जो हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा. भारत ने भी अपने इन संबंधों की हमेशा चिंता की है और मुश्किल की घड़ी में रुस के साथ खड़ा रहा है. पाकिस्तान के लिए ये असहज स्थिति इसलिए भी हो सकती है,क्योंकि हाल ही में रुस के कजान शहर में हुए ब्रिक्स की बैठक के दौरान पाकिस्तान ने इस समूह में शामिल होने के लिए अर्जी भेजी थी, लेकिन भारत की ना के कारण पाकिस्तान का सपना पूरा नहीं हो पाया. ऐसे में जले भुने पाकिस्तान के लिए पुतिन का ये स्टेटमेंट जले पर नमक छिड़कने के जैसा हो सकता है.