Sunday, February 23, 2025

Priyanka Gandhi on Constitution: आपकी जिम्मेदारी क्या है? या सारी जिम्मेदारी जवाहरलाल नेहरू जी की है?

Priyanka Gandhi on Constitution: शुक्रवार को लोकसभा में संविधान पर बहस के दौरान वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने पहले भाषण में कहा कि भारत का संविधान, संघ का विधान नहीं है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला और कहा कि, देश कभी भी लंबे समय तक “कायरों के हाथों” में नहीं रहा है.

हमारा संविधान इंसाफ, उम्मीद, अभिव्यक्ति और आकांक्षा की ज्योत है

संविधान पर बहस के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा “हमारा संविधान इंसाफ, उम्मीद, अभिव्यक्ति और आकांक्षा की वो ज्योत है, जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जल रही है. इस ज्योत ने हर भारतीय को शक्ति दी है कि उसे न्याय मिलने का अधिकार है, अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने की क्षमता है. इस संविधान ने हर देशवासी को ये अधिकार दिया है कि वो सरकार बना भी सकता है और सरकार बदल भी सकता है. “

“भारत का संविधान, संघ का विधान नहीं है“

अपने भाषण के दौरान प्रियंका ने आरएसएस पर भी कटाक्ष किया, उन्होंने कहा, “भारत का संविधान, संघ का विधान नहीं है.“
प्रियंका ने कहा कि, “हमारा संविधान एक सुरक्षा कवच है, जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है. हमारा संविधान न्याय, एकता और अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है. लेकिन बीते 10 साल में सत्ता पक्ष ने ये सुरक्षा कवच तोड़ने का पूरा प्रयास किया है. “

Priyanka Gandhi on Constitution: “ये संविधान बदलने का काम शुरू कर चुके होते”

कांग्रेस सांसद ने बीजेपी पर आरक्षण को लेकर निशाना साधा और कहा, “संविधान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा है. ये वादा एक सुरक्षा कवच है, जिसे तोड़ने का काम शुरू हो चुका है. ये सरकार लेटरल एंट्री और निजीकरण के जरिए आरक्षण को कमजोर करने का काम कर रही है. अगर लोकसभा में ये नतीजे नहीं आए होते तो ये संविधान बदलने का काम शुरू कर चुके होते”

भैंस और मंगलसूत्र चुराने वाले बयानों की दिलाई याद

प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, “नरेंद्र मोदी की जातिगत जनगणना के लिए गंभीरता का प्रमाण देखिए- जब चुनाव में पूरा विपक्ष जातिगत जनगणना की बात कर रहा था. तब नरेंद्र मोदी कह रहे थे- ये आपकी भैंस और मंगलसूत्र चुरा लेंगे. “

“न जनता के बीच जाने की हिम्मत है और न आलोचना सुनने”

प्रियंका गांधी ने पीएम पर कटाक्ष करते हुए राजा की कहानी सुनाई, उन्होंने कहा, “पहले एक कहानी होती थी राजा भेष बदलकर लोगों के बीच आलोचना सुनने जाता था. आज के राजा को भी भेष बदलने का बहुत शौक है… लेकिन उनमें न जनता के बीच जाने की हिम्मत है और न आलोचना सुनने की.“

देश का बंदरगाह, पोर्ट, एयरपोर्ट, सड़कें सिर्फ एक ही व्यक्ति को दी जा रही हैं.

प्रियंका गांधी अडानी का नाम लिए बिना एक व्यक्ति को देश संपत्तियों देने की बात कहीं, इसपर सत्ता पक्ष की ओर से हुए हंगामे के बाद उन्होंने अडानी का नाम लेकर कहा, “देश देख रहा है कि किस तरह एक व्यक्ति को बचाने के लिए देश की जनता को नकारा जा रहा है. सारे बिजनेस, सारे संसाधन, सारी दौलत, सारे मौके एक ही व्यक्ति को सौपें जा रहे हैं. देश का बंदरगाह, पोर्ट, एयरपोर्ट, सड़कें, रेलवे, सरकारी कंपनियां सिर्फ एक ही व्यक्ति को दी जा रही हैं. जनता के मन में हमेशा विश्वास होता था कि अगर हमारे पास कुछ नहीं है तो संविधान हमारी सुरक्षा करेगा. लेकिन आज आम लोगों के बीच यह धारणा बनती चली जा रही है कि सरकार सिर्फ अडानी के मुनाफे के लिए चल रही है. “

बीजेपी पर साधा निशाना- “सारी जिम्मेदारी जवाहरलाल नेहरू जी की है?”

प्रियंका गांधी ने बीजेपी पर भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साधा और कहा कि, “पूरे देश की जनता जानती है कि BJP के पास ‘वॉशिंग मशीन’ है. जो विपक्ष से सत्ता की ओर जाता है, उसके दाग धुल जाते हैं. मुझे यहां मेरे कई पुराने साथी सत्ता पक्ष की तरफ दिख रहे हैं, जो शायद अब वॉशिंग मशीन में धुल गए हैं.“
प्रियंका ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भाषण में दिए गए पुराने संदर्भों का कटाक्ष करते हुए कहा, “सत्ता पक्ष के मेरे साथी ज्यादातर अतीत की बातें करते हैं. कहते हैं- उस समय ऐसा हुआ, नेहरू जी ने क्या किया. अरे, आप वर्तमान की बात करिए. देश को बताइए कि आप क्या कर रहे हैं, आपकी जिम्मेदारी क्या है? या सारी जिम्मेदारी जवाहरलाल नेहरू जी की है?”

प्रियंका गांधी ने कहा कि जो लोग नेहरू की आलोचना करते है वो ये कैसे भूल जाते है कि नेहरू ने देश की मजबूत नीव रखी थी. उन्होंने कहा, “हमारे संविधान ने आर्थिक न्याय की नींव डाली, किसानों, गरीबों और जरूरतमंदों को जमीन बांटी. जवाहरलाल नेहरू जी ने HAL, BHEL, SAIL, GAIL, ONGC, NTPC, RAILWAYS, IIT, IIM… जैसे तमाम PSUs और संस्थाएं बनाई. उनका नाम पुस्तकों से मिटाया जा सकता है, लेकिन राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को इस देश से कभी नहीं मिटाया जा सकता. 75 साल में जनता का भरोसा रहा कि नीतियां, उनकी भलाई के लिए बनेंगीं. आदिवासियों को जल-जंगल-जमीन का अधिकार मिला. इंदिरा जी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण करवाया. कांग्रेस की सरकारों में शिक्षा और भोजन का अधिकार मिला. हमारे संविधान ने महिलाओं की शक्ति को वोट में परिवर्तित किया, जिससे आपको पता चल रहा है कि नारी शक्ति के बिना सरकारें नहीं बन सकतीं. इसलिए आज आप नारी शक्ति की बातें दोहरा रहे हैं, लेकिन नारी शक्ति के लिए जो अधिनियम लाए हैं, उसे लागू नहीं कर रहे. आप उस अधिनियम को आज लागू क्यों नहीं करते?”

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