Prayagraj Student Protest: बेरोज़गारी और पेपर लीक का असर इतना है कि अब छात्र किसी पर भरोसा करने को तैयार नहीं है. पिछले 4 दिनों से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में छात्रों का जबरदस्त आंदोलन चल रहा है. गुरुवार को तो प्रदर्शनकारी छात्रों ने बैरिकेड्स तोड़कर UPPSC के गेट नंबर 2 तक पहुंचकर अपना विरोध प्रदर्शन किया.
तलवारों की धारों पर
इतिहास हमेशा बनता है
जिस ओर जवानी चलती है
उस ओर ज़माना चलता हैयह वीडियो उत्तर प्रदेश के युवाओं का है. युवाओं की मांग जायज है, बेरहम सरकार को इनकी सुननी ही पड़ेगी pic.twitter.com/rDs5gNmXyE
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) November 14, 2024
पुलिस पर जबरन आंदोलन खत्म कराने की कोशिश का आरोप
इसके साथ ही सुबह कुछ ऐसी तस्वीरें भी सोशल मीडिया में वायरल हुई जहां कुछ लोग आंदोलनकारी छात्रों को जबरन हटाते हुए नज़र आए. ऐसा दावा किया गया कि ये सिविल ड्रेस में पुलिस के लोग थे.
इस Video को गौर से देखिए-
प्रयागराज में 4 दिन से धरने पर बैठे छात्रों को किस तरह जबरन उठाया जा रहा। दरअसल, आज बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में धरनास्थल पर पहुंचे हैं। वो धरनार्थियों को हाथ-पैर पकड़कर उठा-उठाकर ले जा रहे हैं।#UPPSC_No_Normalization pic.twitter.com/2yYhvpsE9O
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) November 14, 2024
“एक दिन, एक पाली” में परीक्षा करने की है छात्रों का मांग
चौथे दिन में पहुंचा छात्रों के आंदोलन की सिर्फ एक मांग है. उनका कहना है कि प्रशासन प्रांतीय सिविल सेवा की परिक्षा “एक दिन, एक पाली” में कराई जाए. छात्रों का कहना है कि ज्यादा दिन और ज्यादा पारी में परिक्षा कराने से पेपर लीक का डर बढ़ जाता है.
आवेदकों के लाभ के लिए दो पाली में परीक्षा कराने का लिया फैसला-आयोग
जबकि लोक सेवा निकाय के अधिकारियों का कहना है कि शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने का फैसला आवेदकों के लाभ और परीक्षा की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए लिया गया है. आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि वे केवल उन केंद्रों पर परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया गया है जो बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन या कोषागार के 10 किलोमीटर के दायरे में आते है. इसके साथ ही सरकारी या वित्तपोषित शिक्षण संस्थानों को ही परीक्षा केंद्र बनाया जा रहा है, जिनका संदेह या ब्लैकलिस्टिंग का कोई इतिहास नहीं है. प्रवक्ता ने कहा कि यही कारण है कि आयोग को शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने का विकल्प चुनना पड़ा.
आयोग का दावा है कि यही तरीका देश भर में आम तौर पर इस्तेमाल किया जाता है और कई अदालती फैसलों में भी इसका समर्थन किया गया है.
Prayagraj Student Protest: पेपर लीक के डर से छात्र कर रहे हैं आंदोलन
लेकिन छात्र इस बात से सहमत नहीं है. कई परिक्षाएं रद्द होने और बेरोज़गारी से परेशान छात्रों का कहना है कि आयोग परीक्षाएं सही तरह से कराने में विफल रहा है. प्रदर्शनकारियों में से एक विमल त्रिपाठी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “आयोग का कहना है कि वह इन परीक्षाओं को केवल 41 जिलों के सरकारी स्कूलों में ही आयोजित कर सकता है क्योंकि उसके पास सीमित संख्या में केंद्र हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आयोग के पास केवल एक ही जिम्मेदारी है और वह उसमें भी विफल रहा है. सभी जिलों में एक ही दिन में परीक्षाएँ क्यों नहीं आयोजित की जा सकतीं?”
आंदोलन में घुसे शरारती तत्व-पुलिस
असल में मामला विश्वास का है. छात्रों को आयोग पर विश्वास नहीं है…पिछले समय में इतनी परीक्षाएं पेपर लीक के आरोपों के बाद रद्द हुई हैं कि छात्र किसी बात का रिस्क लेने को तैयार नहीं है. इसी के चलते विवाद बढ़ता जा रहा है. हर नए दिन आंदोलन में हिंसा बढ़ रही है. पुलिस का दावा है कि आंदोलन में शरारती तत्व घुस आए हैं.
पहले परीक्षा को लेकर UPPSC ये की थी घोषणा
आयोग ने पहले परीक्षाओं को लेकर जो घोषणा की थी उसके मुताबिक पीसीएस (प्रारंभिक) 7 और 8 दिसंबर को दो पालियों में आयोजित की जाएगी – सुबह 9.30 से 11.30 बजे और दोपहर 2.30 से शाम 4.30 बजे तक. आरओ/एआरओ परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को दो पालियों में निर्धारित की गई थी.
हलांकि विरोध प्रदर्शन बढ़ने और विपक्षी दलों के छात्रों के समर्थन में उतरने के इरादे को देखते हुए लोक सेवा आयोग के अधिकारी अब कोई रास्ता निकालने के लिए बैठक कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, बैठक का अंत छात्रों को राहत देने के रूप में हो सकता है.
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