Friday, January 10, 2025

BPSC exams: BPSC परीक्षा रद्द करने की मांग लेकर पटना HC पहुंची जन सुराज पार्टी, 15 जनवरी को होगी सुनवाई

BPSC exams: बिहार पीएससी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर प्रशांत किशोर के आमरण अनशन के बीच, उनकी जन सुराज पार्टी ने प्रतियोगी परीक्षाओं को रद्द करने की मांग को लेकर पटना उच्च न्यायालय का रुख किया है.

BPSC exams: हाई कोर्ट में 15 जनवरी को सुनवाई होगी

अधिवक्ता प्रणव कुमार ने कहा कि 13 दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षाओं में अनियमितताओं को उजागर करने वाली याचिका पर 15 जनवरी को सुनवाई होगी. उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, “यह मामला आज न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल की एकल पीठ के समक्ष आया. मामले पर 15 जनवरी को सुनवाई होगी.”

किस आधार पर की परीक्षा रद्द करने की मांग

उन्होंने आरोप लगाया, “हमने राज्य भर में आयोजित परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं को उजागर किया है, जिसमें परीक्षा हॉल के अंदर लोगों द्वारा मोबाइल फोन ले जाने के मामलों का हवाला दिया गया है, जहां जैमर नहीं थे. कई जगहों पर, कई परीक्षार्थियों ने एक साथ बैठकर अपने प्रश्नपत्र हल किए.” कुमार ने दावा किया कि “ऐसी अनियमितताएं” कई परीक्षा केंद्रों से सामने आई हैं, न कि केवल बापू परीक्षा परिसर से, जहां कई उम्मीदवारों ने प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप लगाते हुए परीक्षाओं का बहिष्कार किया था.
वकील ने कहा, “इसलिए हमने पूरी परीक्षा रद्द करने के अलावा अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है.” गौरतलब है कि राज्य भर में 900 से अधिक केंद्रों पर करीब पांच लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे.
बापू परीक्षा परिसर केंद्र में नियुक्त 1,200 अभ्यर्थियों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की गई थी.

परीक्षा रद्द करवाने के लिए “षड्यंत्र” किया गया- बिहार लोक सेवा आयोग

वहीं, बिहार लोक सेवा आयोग ने आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया है कि परीक्षा रद्द करवाने के लिए “षड्यंत्र” किया गया था.

प्रशांत किशोर कर रहे है अनशन

अभ्यर्थियों के एक चुनिंदा समूह के लिए दोबारा परीक्षा का आदेश देने के आयोग के फैसले पर अन्य लोगों ने नाराजगी जताई है, जिन्होंने आंदोलन शुरू कर दिया है, उनका आरोप है कि उन्हें “समान अवसर” से वंचित किया गया है.
किशोर, जिन्होंने आंदोलन का समर्थन किया है, ने 2 जनवरी को आमरण अनशन शुरू किया और डॉक्टरों द्वारा सामान्य आहार फिर से शुरू करने की सलाह के बावजूद, इसे छोड़ने से इनकार कर दिया.
उनकी पार्टी ने कहा है कि यदि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिविल सेवा अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल से बात करके गतिरोध तोड़ने पर सहमत हो जाएं तो वे अनशन समाप्त करने पर विचार कर सकते हैं.

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