चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मंगलवार शाम मुलाकात की. मंगलवार की शाम प्रशांत किशोर एक अणे मार्ग सीएम हाऊस पहुंचे. दोनों नेताओं ने करीब एक घंटे से ज्यादा समय साथ बिताया. मुलाकात में पवन वर्मा भी प्रशांत किशोर के साथ थे. बताया जा रहा है कि दोनों के बीच वर्तमान राजनीतिक हालत पर चर्चा हुई. नीतीश कुमार इस कोशिश में जुटे हैं कि एक बार फिर से प्रशांत किशोर उनके साथ आए. लेकिन सवाल ये है कि आखिर हफ्ते भर में ऐसा क्या बदला की नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर जो पिछले हफ्ते तक जुबानी जंग लड़ रहे थे वह अब मुलाकात कर रहे है. कहीं ऐसा तो नहीं कि प्रशांत किशोर को नीतीश कुमार अपने “मिशन पीएम” की कमान सौंपना चाहते हैं. वैसे अभी तक नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर की ओर से इस बारे में कोई बयान नहीं आया है.
पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा ने कराई मुलाकात
प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार की मुलाकात के पीछे जेडीयू के पूर्व राज्यसभा सांसद की कोशिश बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने पवन वर्मा को पटना बुलाया था. वे मंगलवार को पटना में थे और नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर से अलग-अलग मुलाकात की थी. इसके बाद पवन वर्मा ने प्रशांत किशोर को सीएम हाऊस ले गये. आपको बता दें ये वहीं पवन वर्मा है जिनको कभी नीतीश कुमार ने जेडीयू से बाहर कर दिया था. लेकिन बीजेपी का साथ छोड़ आरजेडी के साथ सरकार क्या बनी पवन वर्मा फिर नीतीश के करीबी हो गए.
लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर थे पीके
पिछले हफ्ते तक पीके लगातार अपनी सभाओं में सीएम के खिलाफ बोल रहे थे. प्रशांत कुमार ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए यहां तक कह दिया कि अगर फेविकोल कंपनी वाले मिलेंगे तो वो उनको सलाह देंगे कि वो नीतीश कुमार को अपना ब्रांड एंबेसडर बना लें. प्रशांत ने कहा कि किसी की भी सरकार हो, लेकिन वो कुर्सी से चिपके हुए रहते हैं. इसी तरह प्रशांत किशोर ने कई और बयान भी दिए हैं. इतना ही नहीं पीके ने कहा था कि हाल के दिनों में बिहार में जो बदले राजनीतिक परिदृश्य बदला है उसका राष्ट्रव्यापी असर नहीं पड़ने वाला है. उन्होंने नीतीश कुमार की दिल्ली यात्रा पर तंड कसते हुए कहा था कि बिहार का राजनीतिक घटनाक्रम राज्य तक सीमित रहेगा, लेकिन हर कोई प्रयास करने के लिए स्वतंत्र है.
प्रशांत किशोर ने ये भी कहा था कि अगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार एक साल में दस लाख नौकरी दे देती है तो वो नीतीश कुमार को अपना नेता मान लेंगे और उनकी पार्टी का झंडा लेकर घूमने लगेंगे. प्रशांत ने कहा कि अगर नीतीश कुमार 10 लाख नौकरी दे देते हैं तो वो 2015 की तरह फिर उनके लिए काम करने लगेंगे, उनको सर्वज्ञानी मान लेंगे और मान लेंगे कि ऊपर भगवान हैं और नीचे नीतीश कुमार ही हैं.
आपको बता दें प्रशांत किशोर इन दिनों लगातार बिहार में कैंप किये हुए हैं. वे 2 अक्टूबर से चंपारण से जन सुराज यात्रा पर निकलने वाले हैं.
नीतीश ने भी किया था पीके पर पलटवार- उन्हें बीजेपी की मदद करने का होगा मन
पिछले हफ्ते दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पीके पर जवाबी हमला करते हुए कहा था कि “वे (प्रशांत किशोर) मेरे साथ आए थे ना. बिहार में जो करना है, वो करें. प्रदेश में 2005 से क्या काम हो रहा है ऐसे लोगों को कुछ पता भी है. नीतीश कुमार ने कहा कि अगर कोई इस तरह की बात कहता है तो इसका मतलब यही है कि उसे बीजेपी के साथ रहने का मन होगा या फिर भाजपा की मदद करने की इच्छा होगी.