बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी बात रखी. उम्मीद थी की प्रधानमंत्री विपक्ष के सवालों और अडानी मुद्दे पर भी जवाब देंगे लेकिन सत्तापक्ष की ओर से मोदी-मोदी और विपक्ष की ओर से अडानी-अडानी के नारे तो कई बार लगे लेकिन प्रधानमंत्री ने खुद अडानी समूह का नाम नहीं लिया. प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष को ईडी का धन्यवाद देना चाहिए कि ईडी ने विपक्ष को एकजुट कर दिया. सदन में प्रधानमंत्री ने कवि दुष्यंत की कविता की दो पंक्तियां भी पढ़ी,
“तुम्हारे पाँव के नीचे कोई ज़मीन नहीं,
लेकिन कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यक़ीन नहीं.”
प्रधानमंत्री ने यूपीए के पहले और दूसरे कार्यकाल के समय को लॉस्ट टाइम करार दिया. प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर लेफ्ट, राइट, सेंटर हर तरफ से वार किया. भ्रष्टाचार से लेकर मौजूदा सरकार से जलने तक के आरोप लगाए लेकिन प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में एक बार भी अडानी या अडानी समूह का नाम नहीं लिया.
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जानिए प्रधानमंत्री ने भाषण में क्या-क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत राष्ट्रपति को धन्यवाद देकर की. प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद करता हूं और यह मेरा सौभाग्य रहा है कि पहले भी कई बार उनके अभिभाषण पर धन्यवाद करने का अवसर मिला है, लेकिन इस बार धन्यवाद के साथ उनका अभिनंदन भी करना चाहता हूं.”
उन्होंने कहा “इस चर्चा में सबने हिस्सा लिया और सबने अपने-अपने आंकड़े, तर्क दिए और अपनी रुचि , प्रवृत्ति, प्रकृति के अनुसार अपनी बातें रखीं. जब इन बातों को समझने का प्रयास करते हैं तो ध्यान में आता है कि किसकी कितनी क्षमता, योग्यता, समझ और किसका क्या इरादा है. जब राष्ट्रपति का भाषण हो रहा था तो कुछ लोग कन्नी भी काट गए और एक बड़े नेता राष्ट्रपति का अपमान भी कर चुके हैं. जनजातीय समुदाय के प्रति नफरत और उनके प्रति उनकी सोच क्या है ये भी दिखाई दी है. जब टीवी पर इस प्रकार की बातें कही गई तो अंदर पड़ा नफरत का भाव बाहर आ गया.”
राहुल गांधी के भाषण पर भी साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा, “कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा ईकोसिस्टम, समर्थक उछल रहे थे और खुश होकर कहने लगे, ये हुई न बात, शायद नींद भी अच्छी आई होगी, शायद आज उठ भी नहीं पाए होंगे. ऐसे लोगों के लिए कहा गया है…अच्छे ढंग से कहा गया है…ये कह-कह कर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं.”
कुछ लोग देश की तरक्की से जल रहे है-पीएम
पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग देश की तरक्की स खुश नहीं हैं. पीएम ने कहा, “100 साल में आई यह भयंकर महामारी, दूसरी तरफ युद्ध की स्थिति, बटां हुआ विश्व और इस संकट के माहौल में भी देश को जिस तरह से संभाला गया है इससे पूरा देश आत्मविश्वास से भर रहा है. आज पूरे विश्व में भारत को लेकर पॉजिटिविटी, आशा, भरोसा है. ये खुशी की बात है कि आज भारत को G20 की अध्यक्षता का अवसर मिला है. ये देश और 140 करोड़ देशवासियों के लिए गौरव की बात है लेकिन मुझे लगता है कि शायद इससे कुछ लोगों को दुख है. वे आत्मनिरीक्षण करें कि वे कौन लोग हैं.
कई देश युद्ध के कारण अस्थिरता से पीड़ित हैं. हमारे पड़ोसी सहित कई अन्य लोग मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और खाद्य सुरक्षा की कमी का सामना कर रहे हैं. मुश्किल समय के बीच भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना.
आज दुनिया की हर विश्वसनीय संस्था, हर विशेषज्ञ, जो भविष्य का अच्छा सेशन रिपोर्ट भी लगा सकते हैं, उन सबको आज भारत को लेकर बहुत आशा और काफी हद तक उमंग है. इसका कारण है कि भारत में अस्थिरता नहीं है.
लगभग तीन दशकों तक भारत में राजनीतिक अस्थिरता रही. आज हमारे पास एक स्थिर और निर्णायक सरकार है। निर्णायक सरकार हमेशा देश के हित में निर्णय लेने का साहस रखती है…पिछले 9 साल में 90,000 स्टार्टअप सामने आए हैं। स्टार्टअप्स में हम दुनिया में तीसरे नंबर पर हैं.
भारत मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है. दुनिया भारत की समृद्धि में अपनी समृद्धि देखती है. निराशा में डूबे कुछ लोग इस देश के विकास को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। वे लोगों की उपलब्धियों को देखने में विफल रहते हैं.”
पीएम ने 2004 से 2014 तक को बताया द लॉस्ट डिकेड
पीएम मोदी ने यूपीएम एक और यूपीए 2 पर तगड़ा प्रहार किया. पीएम ने रहा “ये निराशा ऐसे नहीं आई, इस निराशा के पीछे कारण है, एक तो जनता का बार-बार हुकुम…2004 से 2014 तक भारत की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो गई, इस पर निराशा नहीं होगी तो क्या होगी. 10 साल में महंगाई डबल डिजिट रही इसलिए अगर कुछ अच्छा होता है तो निराशा और उभर कर आती है.
2004 से 2014 आजादी के इतिहास में घोटाला का दशक रहा. UPA के वे दस साल में भारत के हर कोने में आतंकवादी हमलों का सिलसिला चलता रहा. हर नागरिक असुरक्षित था. चारों तरफ ये सूचना रहती थी किसी अनाजानी चीज को हाथ मत लगाना. 10 साल में कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर तक देश हिंसा का शिकार था.
2010 में देश में राष्ट्रमंडल खेल हुए भारत की युवा सामर्थ्य को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने बहुत बड़ा अवसर था, लेकिन CWG घोटाले में पूरा देश दुनिया में बदनाम हो गया. सदी के दूसरे दशक में देश की चर्चा ब्लैक आउट के नाते हुई. पूरे विश्व में ब्लैक आउट के वे दिन चर्चा में आ गए.
2014 से पहले का दशक हमेशा द लॉस्ट डिकेड के रूप में याद किया जाएगा, लेकिन 2030 का दशक भारत का दशक है.”
पीएम मोदी ने की अपनी सरकार की तारीफ
“आर्थिक प्रगति पर जब चर्चा होती है, तो यहां से निकल कर RBI को गाली देते हैं। 9 साल में कंस्ट्रक्टिव क्रिटिसिज्म की जगह कंपल्सिव क्रिटिसिज्म ने ले ली है और ये इसी में खोए हैं। सदन में जांच एजेंसियों के बारे में बहुत कुछ कहा गया, कई लोग इस सुर में सुर मिला रहे थे: PM मोदी
इन्होंने 9 साल आलोचना करने की जगह आरोप में गंवा दिए। चुनाव हार जाओ तो EVM को गाली, चुनाव आयोग को गाली..कोर्ट में फैसला पक्ष में नहीं आया तो सुप्रीम कोर्ट की आलोचना, भ्रष्टाचार की जांच हो रही हो तो जांच एजेंसियों को गाली, सेना अपना पराक्रम दिखाए तो सेना को गाली… सेना पर आरोप”
पीएम ने कहा कांग्रेस पर तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के हावर्ड में मोदी-अडानी दोस्ती पर रिसर्च के जवाब में कांग्रेस पर ही तंज कस दिया. पीएम ने कहा, “कुछ लोगों को यहां हार्वर्ड स्टडी का क्रेज है. कोरोना काल में कांग्रेस ने कहा था कि भारत की बर्बादी पर हार्वर्ड में केस स्टडी होगी. बीते वर्षों में हार्वर्ड में एक बहुत अच्छी स्टडी हुई है, उसका शिर्षक था ‘द राइज एंड डिक्लाइन ऑफ इंडिया कांग्रेस पार्टी.”
PM ने एक भी जवाब नहीं दिया. राहुल गांधी
PM मोदी के भाषण पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि, “PM ने एक भी जवाब नहीं दिया. उनके भाषण से सच्चाई दिखती है. अगर(अडानी) मित्र नहीं है तो उनको(PM) कहना चाहिए था कि जांच कराएंगे. शैल कंपनी, बेनामी पैसा घूम रहा है उस पर प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा. इससे साफ है कि PM उनकी रक्षा कर रहे हैं.”