Sunday, February 23, 2025

छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र 2024 :पहला दिन रहा जोरदार , अय़ोध्या के बेर पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में हुई मजेदार बहस

छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसूव सत्र 2024 :   छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच मजोदार नोक झोंक हुई. सत्ता दल को विपक्ष ने कई मुद्दों पर घेरा, इसमें जो सबसे मजेदार था वो  ये कि जब अभी बेर का मौसम नहीं है, तब सरकार के लोग अयोध्या बेर लेकर कैसे गये और श्रीराम के चरणों में बेर कैसे चढाया ? विपक्षी  नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने  भाजपा के नेताओं से सवाल किया कि अभी बेर का सीजन भी नहीं है, अभी बेर न तो शिवरीनारायण में मिल रहे हैं और न ही रायपुर में, फिर  मुख्यमंत्री और बाकी लोग अयोध्या  जो बेर लेकर गये थे , वो कहां से लाये गये थे?

छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र 2024 :  रामगमन पथ को लेकर साय सरकार से सवाल  

कांग्रेस नेता भक्त चरण दास ने सवाल सत्र के दौरान सवाल किया कि राज्य में  राम वनगमन पथ से जुड़े स्थलों के विकास के लिए सरकार ने क्या क्या किया ? कांग्रेस कि सरकार के दौरान ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने छत्तीसगढ़ में  75 ऐसे स्थानों का चयन किया था, जहां रामजी के चरण पड़े थे. कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारी सरकार ने इन 75 में से दस जगहों पर काम शुरू भी कर दिया था, लेकिन बीजेपी की सरकार आने के सात महीनों बाद भी किसी स्थान पर एक ईंट भी नहीं रखी गई है ?

छत्तीसगढ़ में क्यों हारे का जवाब अय़ोध्या में क्यों हारे ?

मानसून सत्र के पहले दिन पक्ष और विपक्ष में की मुद्दों पर तीखी और चुटीली बहस हुई. राम वनगमन पथ पर तीखी बहस के दौरान ही रायपुर  से बीजेपी के विधायक राजेश मूणत और कुछ अन्य भाजपा विधायकों ने विपक्ष से सवाल किया कि आप रायपुर में क्यों हार गये, इस पर मंहत ने कहा कि आप बात को गलत दिशा में ले जा रहे हैं.इसीलिए आप प्रयागराज और अयोध्या में हारे. पीएम मोदी ने श्रीराम के नाम पर श्रीराम सर्किट बनाने का वादा किया था,उसमें छत्तीसगढ़ का नाम भी जुड़वा दीजिये.

विधानसभा में बलौदाबाजार हिंसा का मामला भी उठा

अयोध्या बेर और अधोध्या में हार के बाद बलौदा बाजार हिंसा के मामले पर भी सदन में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव रखा, जिसपर जमकर हंगामा हुआ. विधानसभा अध्यक्ष ने जैसे ही प्रस्ताव को अस्वीकृत किया, विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. हंगामे के काऱण सदन की कार्रवाई को 3 बजे तक स्थगित करना पड़ा.

वन्यभूमि पट्टा देने के लिए फर्जी दस्तावेज का मामला उठा

छत्तीसगढ़ की वनभूमि को पट्टे पर देने के लिए नकली दस्तावेजों को देने का मामला भी सदन में उठा. राजस्व मंत्री टंकराम शर्मा ने इस मामले पर कार्रावई की मांग की. कांग्रेस के विधायक जनकध्रुव ने गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड की पंचायत शोभा में भूमि दस्तवेजों में सरपंच और सचिव के फर्जी हस्ताक्षर और सील का उपयोग करके वनाधिकार के लिए फर्जी मांग पत्र तैयार करने के मामले को उठाया .उन्होंने मांग की कि मामले में एफआईआर होनी चाहिये. मंत्री ये बतायें कि इस मामले में एफआईआर कब दर्ज की होगी?

विधायक जनक ध्रुव की शिकायत पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि वनभूमि पट्टा के लिए नकली मांग पत्र तैयार करने के मामले में मिली शिकायत पर केस दर्ज करने की मांग की गई थी, लेकिन शिकायत पर जिलास्तर के वन अधिकार समिति गरियाबंद ने जब परीक्षण किया तो पाया गया कि संजय नेताम और अनिता नेताम की तरफ से किसी तरह का आवेदन नहीं किया गया था, जिसके कारण पूरे मामले को निरस्त कर दिया गया है. मंत्री ने कहा कि एफआईआर दर्ज नहीं करने का सवाल ही नहीं है. मंत्री टंकराम वर्मा के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और मामले की जांच पर अड़ गया.

हंगामें के बाद सदन में मानसून सत्र के पहले दिन दिवंगत  नेताओं के श्रद्दांजलि दी गई. विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर रमण सिंह ने सदस्यों के निधन के अपूर्णीय क्षति बताया.  सीएम विष्णुदेव साय ने भी पूर्व सदस्यों के निधन पर शोक जताया और उन्हें श्रद्धांजलि दी.

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