Parliament session: 18वीं लोकसभा का न सिर्फ नए संसद भवन में सजी है बल्कि उसका मिज़ाज भी बदला-बदला नज़र आ रहा है. 17वी संसद में जहां नाराजगी और गाली-गलौच देखने को मिली थी वहीं इस नई संसद में मुस्कुराहटें…..अभिवादन…..और तू-तू मैं मैं की जगह तंज ने ले ली है.
नेता विपक्ष और नेता सदन ने मिलाया हाथ
वैसे तो लोकसभा में नेता यानी प्रधानमंत्री वहीं पुराने है और अब स्पीकर भी ओम बिरला ही बन गए हैं. लेकिन सदन में विपक्ष बदल गया है. विपक्ष के पास न सिर्फ नेता है बल्कि ज्यादा ताकतवर आवाज़ भी है. और इसी आवाज़ की ताकत का असर है कि जिस सदन में नेता विपक्ष का नहीं होना विपक्ष के लिए तंज की तरह इस्तेमाल होता था आज उसी नेता विपक्ष के प्रधानमंत्री से हाथ मिलाने पर सदन तालियों से गूंज उठा.
Parliament session, विपक्ष ने दी स्पीकर को बधाई
जहां सदन के स्पीकर चुनें जाने पर ओम बिरला को उनकी कुर्सी तक पहुंचाने नेता सदन प्रधानमंत्री मोदी के साथ नेता विपक्ष राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू साथ नज़र आए. वहीं सदन के नेता चुने जाने पर विपक्ष की ओर से बधाई देते हुए राहुल गांधी ने आश्वासन दिया कि “विपक्ष आपके काम करने में आपकी सहायता करना चाहेगा” राहुल गांधी ने इसके साथ ही ओम बिरला को ये भी बता दिया कि इसबार विपक्ष की संख्या भी बड़ी है और उसके हौसले भी. राहुल गांधी ने कहा, “यह सदन भारत के लोगों की आवाज़ का प्रतिनिधित्व करता है और आप उस आवाज़ के अंतिम निर्णायक हैं. सरकार के पास राजनीतिक शक्ति है लेकिन विपक्ष भी भारत के लोगों की आवाज़ का प्रतिनिधित्व करता है और इस बार विपक्ष ने पिछली बार की तुलना में भारतीय लोगों की आवाज़ का अधिक प्रतिनिधित्व किया है. विपक्ष आपके काम करने में आपकी सहायता करना चाहेगा. हम चाहते हैं कि सदन ज्यादा और अच्छी तरह से चले. यह बहुत महत्वपूर्ण है कि विश्वास के आधार पर सहयोग हो. यह बहुत महत्वपूर्ण है कि विपक्ष की आवाज़ को इस सदन में प्रतिनिधित्व दिया जाए.”
वहीं सदन में तीसरी बड़ी पार्टी का नेतृत्व कर रहे समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मुसकुराते हुए सदन के स्पीकर को बधाई दी और तंज कसते हुए कहा कि “लोकसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष जी को मैं बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देना चाहता हूं. उम्मीद है लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में आप हर सांसद और हर दल को बराबरी का मौका और सम्मान देंगे, निष्पक्षता इस महान पद की जिम्मेदारी है, किसी भी जनप्रतिनिधि की आवाज दबाई न जाए.”
अखिलेश यादव ने कहा, “आपके इशारे पर सदन चले, इसका उल्टा न हो. हम आपके हर न्याय संगत फैसले के साथ खड़े हैं. मैं इस नए सदन में पहली बार आया हूं. मुझे लगा कि स्पीकर की कुर्सी बहुत ऊंची है, मैं जिस सदन को छोड़कर आया हूं वहां कुर्सी और ऊंची है,नया सदन में पत्थर तो ठीक लगा है, सबकुछ अच्छा लगा है. लेकिन कुछ दरारों में कुछ सीमेंट अभी भी लगा हुआ दिख रहा है. मुझे उम्मीद है कि आप जितना सत्ता पक्ष को मौका देंगे उतना ही विपक्ष को भी मौका देंगे.”
इसी तरह चंद्रशेखर आजाद जो उत्तर प्रदेश के नगीना से पहली बार चुनकर संसद पहुंचे हैं ने लोकसभा स्पीकर को बधाई देते हुए कहा कि हमारे वर्ग की हालात बहुत ही खराब है, अगर हमें मौका नहीं मिलेगा तो हम अपनी बात नहीं रख पाएंगे.
हंगामें के बाद स्थगित हुआ सदन
हलांकि संसद की कार्यवाही जहां सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई वहीं उसका अंत हंगामे से हुआ जब स्पीकर ओम बिरला ने इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी की निंदा की और सत्ता पक्ष ने 2 मिनट का मौन रखा….जिसके बाद विपक्ष ने हंगामा किया और सदन को नई संसद में पहली बार स्थगित करना पड़ा. अब 27 जून यानी कल संसद की कार्यवाही फिर होगी.
असल में जहां इस बार विपक्ष अपनी बड़ी ताकत के साथ सत्ता पक्ष के सामने सीना तान के खड़ा नज़र आ रहा है वहीं पिछले 10 साल तक अपनी मनमर्जी से राज करने वाले सत्ता पक्ष के लिए झुकना और सभी को साथ लेकर चलना सीखने में समय लगने वाला है.