शुक्रवार को सदन का तीसरा दिन भी हंगामे के साथ शुरु हुआ और चांद मिनटों के बाद ही संसद के दोनों सदनों को गुरुवार की तरह ही पहले 2 बजे तक और फिर 6 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
विपक्षी दलों ने आज भी चीन, अडानी समूह समेत कई मामलों में चर्चा को लेकर सभापति को नोटिस दिए थे. लेकिन जब इनपर चर्चा के लिए सभापति ने रजामंदी नहीं दी तो हंगामा शुरु हो गया और सदन को स्थगित करना पड़ा. इसबीच आज फिर समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों ने एक बैठक की. बैठक के बाद कांग्रेस सांसदों का कहना था कि अगर आज भी सदन में अडानी समूह के शेयरों की गिरावट पर चर्चा नहीं की गई तो वह सदन में ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.
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16 विपक्षी दलों ने की बैठक
संसद का काम शुरु होने से पहले संसद में सरकार को घेरने की रणनीति बनाने और चीन, अडानी जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए विपक्षी दलों ने शुक्रवार सुबह भी एक बैठक की. बैठक में 16 दलों ने हिस्सा लिया. कांग्रेस की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी दल इस बात पर सहमत थे कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद बहस और बजट पर चर्चा के दौरान अडानी समूह के गिरते शेयर और चीन की भारतीय सीमा में बढ़ती घुसपैठ पर चर्चा होनी चाहिए. इस बैठक के बाद आप के सांसद संजय सिंह ने पीएम पर हमला करते हुए कहा कि ये अडानी का नहीं पीएम मोदी का भ्रष्टाचार है.
किस-किस ने दिया फिर से चर्चा के लिए नोटिस
CPI(M) के सांसद एलामारम करीम ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर एक उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है, उन्होंने इस पर चर्चा करने की मांग को लेकर नोटिस दिया है. वहीं शिवसेना सांसद (उद्धव ठाकरे गुट) प्रियंका चतुर्वेदी ने नियम 267 के तहत एलआईसी, एसबीआई, आदि की होल्डिंग के ओवरएक्सपोजर की कथित घटनाओं के आलोक में तत्काल सार्वजनिक महत्व के मामले पर चर्चा करने के लिए राज्यसभा में सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चीन के साथ सीमा की स्थिति पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है.