पश्चिम बंगाल:राशन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम लगातार छापेमारी कर रही है.इसी कड़ी में आज ED की टीम छापेमारी करने उत्तर 24 परगना पहुंची.ईडी की टीम को को देखकर वहां के ग्रामीणों की भीड़ ने टीम को घेर लिया.घेरने के बाद गांव वालों ने ईडी Attack On ED team पर हमला बोल दिया.भीड़ ने ईडी अधिकारियों के साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की.
Attack On ED team : केंद्रीय सुरक्षाबलों की गाड़ियों में तोड़फोड़
यह मामला उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली गांव का है.जांच एजेंसी की टीम यहां राशन घोटाले के केस में TMC के नेता एसके शाहजहां शेख के घर छापेमारी करने पहुंची थी.छापेमारी के दौरान ही करीब 200 लोगों की भीड़ ने अचानक ईडी की टीम पर धावा बोल दिया.संदेशखली गांव में ही ईडी की टीम पर हमला हुआ.गांव वालों की भीड़ ने ईडी अधिकारी और उनके साथ आए केंद्रीय सुरक्षाबलों की गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी. जानकारी के अनुसार टीम छापेमारी करने पहुंची थी, उसमें ईडी के असिस्टेंड डायरेक्टर भी शामिल थे. गांव के 200 लोगों की भीड़ ने उनकी गाड़ी भी तोड़ दी.इस हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद टीएमसी नेता एसके शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया गया है.टीएमसी के नेताओं पर ईडी की छापेमारी पहले भी होती रही है.जांच एजेंसी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में भी पूछताछ कर चुकी है.
राशन वितरण घोटाले में ईडी की छापेमारी कई महीनों से जारी
पश्चिम बंगाल में राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में ईडी की छापेमारी कई महीनों से जारी है.प्रवर्तन निदेशालय ने खुलासा किया था कि पश्चिम बंगाल में लाभार्थियों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली पीडीएस का लगभग 30 प्रतिशत राशन खुले बाजार में भेज दिया गया. जांच एजेंसी ने कहा था कि राशन की चोरी के बाद मिले पैसे मिल मालिकों और पीडीएस वितरकों के बीच आपस में बांटी गई.कुछ सहकारी समितियों सहित चावल मिल मालिक कुछ लोगों की मिलीभगत से किसानों के फर्जी बैंक खाते खोले और धान उत्पादकों को भुगतान की जाने वाली MSP को अपनी जेब में डाल लिया.इस मामले से जुड़े प्रमुख संदिग्धों में से एक ने स्वीकार किया कि चावल मिल मालिकों ने प्रति क्विंटल लगभग 200 रुपये कमाए थे.
ज्योतिप्रिय मलिक के आवास पर भी ईडी कर चुकी है छापेमारी
राशन घोटाले के मामले में पहले भी बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के आवास पर भी ईडी छापेमारी कर चुकी है. ज्योतिप्रिय मलिक वन मंत्री बनने से पहले खाद्य मंत्री का कार्यभार भी संभाल चुके हैं.इस कथित घोटाले में चावल मिल मालिक बकीबुर रहमान को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था.रहमान ने दो वर्षों में तीन और कंपनियां खड़ी कर लीं थी.2004 में एक चावल मिल मालिक के रूप में रहमान ने अपना करियर शुरू की थी.ईडी अधिकारियों के मुताबिक रहमान ने कथित तौर पर शेल कंपनियों की श्रृंखला खोली और पैसे निकाले.बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को भी शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में 2022 में गिरफ्तार किया जा चुका है.

