J&K Assembly Election: जम्मू कश्मीर में विधानसभा गठन से पहले ही उपराज्यपाल के द्वारा 5 विधायकों को मनोनीत किये जाने के फैसले के खिलाफ विरोध शुरु हो गया है. कांग्रेस ने इसे लोक तंत्र की मूल भावना का हमला कहा है.
J&K Assembly Election : नई सरकार बनाने से पहले ही विवाद शुरु
दरअसल जम्मू कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों के लिए 3 चरणों में चुनाव संपन्न हुए हैं. एक दशक के बाद हुए मतदान से कश्मीर और जम्मू में लोकतंत्र को लेकर एक नई उम्मीद देखने के लिए मिली है. यहां लोगों ने खूब बढ़ चढ़कर मतदान किया है. तीनों चरणों में मतदान का प्रतिशत लगभग 60 प्रतिशत के आसपास रहा. पहले चरण में जहां 57.31 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ वहीं दूसरे चरण में 61.38 प्रतिशत और तीसरे चरण में तो बंपर 69.69 प्रतिशत वोटिंग हुई है. चुनाव आयोग के मुताबिक इस विधानसभा चुनाव में 63.88 प्रतिशत मतदान हुआ है.
ऐसे में अब लोगों के बीच नई सरकार को लेकर काफी उम्मीदें हैं. इस बीच इस खबर से राजनीतिक पार्टियों को बीच बवाल मचा है कि केंद्र सरकार विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद राज्यपाल के माध्यम से 5 विधायकों को अपनी तरफ से मनोनीत करेंगी. जाहिर है कि 90 सीटों वाले विधानसभा में 5 विधायक मिलकर निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं.
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में संशोधन के बाद बना नया नियम
दरअसल राज्यपाल के द्वारा ये प्रक्रिया जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन के बाद पहली बार अमल में लाई जायेगी. केंद्र सरकार ने 2019 के इस विधेयक में संशोघन करते हुए साल 26 जुलाई 2023 को इसे पास किया था जिसके मुताबिक एलजी के द्वारा 5 सदस्यों को मनेनीत किया जान के बाद विधानसभा के सदस्यों की संख्या 95 हो जायेगी, जिससे सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 48 हो जायेगा. नये नियम के मुताबिक उपराज्यपाल गृह मंत्रालय की सिफारिश पर 5 सदस्यो को नामित करेंगे जिसमें से एक क सदस्य पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और एक सदस्य कश्मीरी पंडित वर्ग से होगा.
कांग्रेस ने नये नियम का शुरु किया विरोध
इस मामले में जम्मू-कश्मीर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष रविंदर शर्मा का कहना है कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन से पहले एलजी के द्वारा 5 विधायकों के नामांकन का विरोध करेगी, क्योंकि ऐसा कोई भी कदम लोकतंत्र, जनादेश और संविधान की मूल भावना के सिद्धांतों पर हमला है. कांग्रेस का आरोप हैं कि भाजपा ये जानती है कि उनके पास सरकार बनाने के लिए जरुरी संख्या नहीं होगी . इसलिए पांच विधायकों को मनोनित करके जनादेश में हेरफेर करने की तैयारी हो रही है.
कांग्रेस के प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने कहा कि “संवैधानिक ढांचे के तहत उपराज्यपाल को चुने गये मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करना चाहिए. अगर चुनाव के बाद बहुमत या अल्पमत की स्थिति के बदलने के लिए विधायकों का नामांकन होता है तो ये संशोधित प्रावधान का दुरुपयोग होगा. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार, उपराज्यपाल के पास 5 विधायकों को नामित करने की शक्ति है, जिसमें कश्मीरी पंडितों और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर के शरणार्थियों का प्रतिनिधित्व शामिल है.”
कांग्रेस-एनसी गठबंधन को आराम से मिलेगा बहुमत – कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता रविंदर शर्मा का कहना है कि इस विधानसभा चुनाव के परिणाम में कांग्रेस-एनसी गठबंधन को बहुत आराम से बहुमत मिलने की उम्मीद है.ऐसे में समय से पहले 5 विधायकों को नोमिनेट करना ना केवल अलोकतांत्रिक है बल्कि जनमत के साथ विश्वासघात भी होगा. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि नये सदस्यो के नामांकन की प्रक्रिया नई सरकार के काम संभालने के बाद शुरू होनी चाहिए. कांग्रेस के प्रवक्ता रविंदर शर्मा का आरोप है कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर के शरणार्थी कश्मीरी पंडितों और पाक अधिकृत कश्मीर के अलावा दूसरे अल्पसंख्यकों वर्ग से आने वालों के विधानसभा में पर्याप्त प्रतिनिधित्लल देने की बात थी थे लेकिन भाजपा ऐसा नहीं कर रही है.
कांग्रेस ने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर से भाजपा ने 8 सीटें देने की बात कही थी लेकिन अब केवल एक सीट दे रही है. जबकि सिक्किम विधानसभा में बौद्ध समुदाय के लिए सीटें आरक्षित हैं. वैसे ही पाक अधिकृत कश्मीर के लिए भी सीटें आरक्षित होनी चाहिये थी.